कर्नलगंज गोंडा।जहां योगी सरकार द्वारा अवैध कार्यों पर बुलडोजर चलाया जा रहा है वही क्या अवैध डॉक्टरों की डिग्री का भी होगा सत्यापन।मामला जनपद गोंडा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कर्नलगंज अंतर्गत रेलवे स्टेशन के पास का है जहां पर वारसी हॉस्पिटल के नाम से एक क्लीनिक चल रहा है जो कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से महज लगभग 200 मीटर की दूरी पर संचालित है जिसको मुख्य चिकित्सा अधिकारी गोंडा द्वारा रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र भी दिया जा चुका है उक्त हॉस्पिटल में नामित डॉक्टर , डॉक्टर सहील अहमद, डॉक्टर अभिषेक त्रिपाठी, तथा डॉक्टर रेखा मिश्रा के नाम तख्ती टंगी हुई है परंतु मौके पर कोई भी डॉक्टर नहीं रहते अब प्रश्न यह उठ रहा है की यह डॉक्टर उक्त हॉस्पिटल में आते हैं या के इनके नाम के सहारे ही हॉस्पिटल का बेड़ा पार हो रहा है जब इस संबंध में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अधीक्षक कर्नलगंज डॉ सुरेश चंद्रा से बात की गई तो उन्होंने बताया मुख्य चिकित्सा अधिकारी गोंडा द्वारा उक्त हॉस्पिटल को रजिस्टर्ड किया गया है अब रजिस्टर्ड किस स्तर पर किया गया है यह जांच का विषय है लिखित शिकायत मिलेगी तो जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी अब देखना यह है कि स्वास्थ्य विभाग शिकायत करने के बावजूद जांच पर खरा उतरेगा या फिर रटा रटाया जवाब देकर मामले को ठंडे बस्ते में डाल देगा।खबर नम्बर 2 फोटो सहितगांव से शहर तक सरकारी हैंडपंप खराब,लोगो को नहीं मिल रहा स्वच्छ जल ” भीषण गर्मी में स्वच्छ पेयजल से वंचित नागरिकों ने की शीघ्र मरम्मत एवं रिबोर कराने की मांग,जिम्मेदार बेखबर”कर्नलगंज,गोण्डा । भीषण गर्मी के मौसम में जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने नागरिकों की पानी की विकराल समस्या की सुधि लेना भी उचित नहीं समझा है। वहीं शासन प्रशासन की यह उदासीनता स्थानीय लोगों पर भारी पड़ती दिखाई दे रही है। जहां काफी संख्या में सरकारी हैंडपंप खराब होने से लोगों को स्वच्छ पेयजल नहीं मिल पा रहा है और लोग छोटे नलों से दूषित पानी पीने को मजबूर हैं। शासन प्रशासन से सभी को मदद की उम्मीद होती है परंतु यहां पर हालात बिल्कुल उलट है,कई महीनों से खराब हैंडपंपों की मरम्मत प्रशासन और जिम्मेदारों द्वारा अभी तक नहीं कराई जा सकी है। स्थानीय लोगों ने बताया कि कई बार जिम्मेदार लोगों से हैंडपंप के मरम्मत की मांग की गई है लेकिन उनकी इस विकट समस्या की ओर जिम्मेदारों द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। गांव एवं कस्बे के सरकारी हैंडपंप के खराब होने के चलते पीने के पानी की समस्या से जूझ रहे नागरिक चाहते हैं कि जल्द से जल्द इन सरकारी इंडिया मार्का हैंडपंप की मरम्मत हो जाए जिससे कि स्वच्छ जल मुहैया हो सके। जबकि जिम्मेदार लोग जानबूझकर मूकदर्शक बने हुए हैं। कर्नलगंज तहसील क्षेत्र के ब्लॉक कर्नलगंज, हलधरमऊ, परसपुर एवं कटरा बाजार एवं कस्बा कर्नलगंज अन्तर्गत विभिन्न ग्रामों/ मोहल्लेवासियों के सामने स्वच्छ, शुद्ध पेयजल की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है। यहां शुद्ध पेय जल के नाम पर लगे इंडिया मार्का हैंडपंप खराब होकर कई स्थानों पर सिर्फ दिखावा साबित हो रहे हैं और अपनी मरम्मत की बाट जोहते हुए बदहाली बयां कर रहे हैं। जिनका कोई पुरसाहाल नहीं है। बताते चलें कि तहसील क्षेत्र के ग्रामीण अंचलों सहित पूरे कस्बे में सैकड़ों हैंडपंप ऐसे हैं जिनमें से या तो बालू युक्त दूषित जल निकल रहा है या फिर खराब होने से पानी तो दूर बालू भी नहीं निकल रहा है। विदित हो प्रायः हैंडपंपों की मरम्मत एवं रिबोर के नाम पर लाखों रूपये कागजों में खर्च दिखाये जाने के बावजूद धरातल पर हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। जबकि जिम्मेदार लोग जानबूझकर मूकदर्शक बने हुए हैं। यही नहीं जिम्मेदारों की उदासीनता के चलते करीब साठ फीसदी हैंडपंपों का जल दूषित हो चुका है जिससे स्थानीय लोग सरकारी हैंडपंप से दूषित जल पीने पर मज़बूर हैं। ऐसी स्थिति में आम नागरिकों को घरों में लगे छोटे हैंडपंप से पानी पीना पड़ता है। वहीं नागरिकों को दूषित जल से होने वाले तमाम प्रकार के रोगों का भी सामना करना पड़ रहा है। कर्नलगंज, हलधरमऊ, पहाड़ापुर, कटराबाजार, भंभुआ, परसपुर सहित ग्रामीण क्षेत्रों के साथ ही कस्बे के बसस्टॉप चौराहे, तहसील परिसर, सड़कों के किनारे सार्वजनिक स्थानों सहित विभिन्न स्थानों पर इंडिया मार्का हैंडपंप तो लगा है लेकिन उसमें से पानी निकलना तो दूर बालू भी नहीं निकल रहा है। वहीं जल न निकलने के कारण सालों से हैंडपंप खराब पड़े हैं। जबकि दूषित जल ही विभिन्न बीमारियों को भी जन्म देता है। शासन का सख्त निर्देश भी है शुद्ध पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित की जाय। इसके बावजूद गांव सहित कस्बे में शुद्ध एवं स्वच्छ पेयजल की सही व्यवस्था नहीं की गई। जिससे जो इंडिया मार्का हैंडपम्प लगे हैं उनमें से अधिकांश खराब पड़े है और निष्प्रयोज्य साबित हो रहे हैं। वहीं लोगों का कहना है कि इस समस्या के संबंध में कई बार शिकायत की गई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई और खराब हैंडपंपों की अभी तक मरम्मत और रिबोर ना होने से शुद्ध स्वच्छ पेयजल की समस्या बनी हुई है।खबर नम्बर 3 फोटो सहितकागजों में बने पशु व बकरी शेड धरातल पर नदारद,अधिकारी मौन(ब्लाक हलधरमऊ में एक ही व्यक्ति के नाम पर हुआ दो पशु शेड का निर्माण)कर्नलगंज गोण्डा। उत्तरप्रदेश में सत्तासीन योगी सरकार जहां एक ओर भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की बातें करती नहीं थक रही है वहीं दूसरी ओर उनके अधीनस्थ जिम्मेदार अधिकारी, कर्मचारी भ्रष्टाचार के मामले में नित नए कीर्तिमान स्थापित कर योगी सरकार को खुली चुनौती दे रहे हैं। निरंकुश शासन व्यवस्था की स्थिति यह है कि मामले की जानकारी होने के बाद भी जिम्मेदारों द्वारा भ्रष्टाचारियों पर किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नही की जाती है बल्कि उन्हें बचाने का भरपूर प्रयास किया जाता है। जिससे यह प्रतीत होता है कि भ्रष्टाचार से अर्जित धनराशि में उनका भी हिस्सा लगता है जिससे भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई करने के बजाय जानबूझकर उन्हें खुला संरक्षण प्रदान कर सरकारी धन के बंदरबांट को बढ़ावा दिया जा रहा है। मामला विकास खंड हलधरमऊ के ग्राम पंचायत पहाड़ापुर का है, जहां ग्राम प्रधान ने एक लाभार्थी के नाम पर दो पशु शेड का निर्माण कार्य दर्शाकर मनरेगा योजना के तहत लाखों रुपयों का भुगतान करा लिया है। लाभार्थी भगवान प्रसाद मौर्य उर्फ लल्लू मौर्य को पशुशेड निर्माण की भनक तक नही लगी और सरकारी धन का बंदरबांट भी हो गया। जिसकी जानकारी होने के बाद भी अधिकारियों ने खामोशी की चादर ओढ़ रखी है। दिनाँक 21.10.2020 को लल्लू मौर्य का पशुशेड निर्माण कार्य दर्शाकर मनरेगा योजना के तहत 76,477 रुपये का भुगतान व दिनाँक 24.01.2020 को भगवान प्रसाद मौर्य के घर के सामने पशुशेड निर्माण कार्य दर्शाकर एक लाख रुपये का भुगतान किसी संस्था को कर दिया गया है। जबकि लल्लू मौर्य व भगवान प्रसाद एक ही व्यक्ति का नाम है। जानकारी लेने पर भगवान प्रसाद उर्फ लल्लू मौर्य ने बताया कि न तो हमारा पशुशेड बनाया गया है और न ही हमे सरकारी पैसों का भुगतान कराया गया है। ग्रामीणों ने बताया कि इसी तरह ग्राम प्रधान ने कई लोगों के नाम पर सरकारी पैसा निकाल लिया परन्तु किसी पशुशेड/ बकरी शेड का निर्माण नही कराया गया है। एसडीएम हीरालाल ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है बीडीओ हलधरमऊ को संपूर्ण प्रकरण की जांच करने हेतु निर्देशित किया गया है।खबर नम्बर 4फोटो सहितएसडीएम कर्नलगंज की कार्य शैली से त्रस्त संयुक्त अधिवक्ता मंच का क्रमिक अनशन शुरूकर्नलगंज, गोण्डा। उपजिलाधिकारी हीरालाल एवं तहसील प्रशासन के कार्य शैली से त्रस्त अधिवक्ताओं ने संयुक्त अधिवक्ता मंच के बैनर तले सोमवार को उपजिलामजिस्ट्रेट न्यायालय के सामने क्रमिक अनशन शुरू कर दिया। साथ ही नारेबाजी करते हुये राज्यपाल को संबोधित पांच सूत्रीय मांगों का ज्ञापन भी सौंपा है।अधिवक्ताओं द्वारा दिये गए ज्ञापन में कहा गया है कि तहसील में भ्रष्टाचार व रिश्वतखोरी व्याप्त है। मुकदमों में जनप्रतिनिधियों का हस्तक्षेप बढ़ गया है, जिससे न्याय प्रणाली प्रभावित हो रही है। न्यायालय पर प्रचलित मुकदमों में जनप्रतिनिधियों के हस्तक्षेप रोकने, पीठासीन अधिकारी को कोतवाली/थानों पर जाकर अभियुक्तों को जेल भेजने की कार्रवाई करने पर प्रतिबंध लगाने, न्यायालय पर ही अभियुक्तों को जमानत देने व जेल भेजने की कार्रवाई करने, तहसील के अधिकारियों के चैंबर में फर्जी लोगों का जमावड़ा लगाने पर रोंक लगाते हुये अधिवक्ताओं को सम्मान पूर्वक बैठने के लिये व्यवस्था करने, उच्च न्यायालय के आदेशों/निर्देशो का पालन करने, न्यायालय पर विचाराधीन पत्रावलियों में जनप्रतिनिधियों के हस्तक्षेप रोकते हुये गुण दोष के आधार पर निर्णय करने की मांग की गई है। अनशन पर बैठे अधिवक्ता हृदयनरायन मिश्र ने कहा कि जब तक मांगे पूरी नही होगी तब तक अनशन जारी रहेगा। संघ के मंत्री बाबादीन मिश्रा, पूर्व अध्यक्ष संजय मिश्र, पूर्व मंत्री सूर्यकांत तिवारी, अरविन्द शुक्ल, त्रिलोकीनाथ तिवारी, श्यामधर शुक्ल, करमचंद मिश्र सहित अनेकों अधिवक्तागण मौजूद रहे।
डॉक्टरों के नाम के सहारे चल रहा क्लीनिक नामित डॉक्टर रहते नदारद

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