संत कबीर नगर । जिलाधिकारी आलोक कुमार द्वारा दैनिक जागरण समाचार पत्र में “डुबा दी गई करोडों, वित्तीय अनियमितता की जांच”नामक शीर्षक से प्रकाशित खबर के प्रकरण में गठित त्रिस्तरीय जांच समिति के सदस्यों के रूप में नामित जिला पंचायत राज अधिकारी, उपायुक्त श्रम रोजगार एवं जिला विकास अधिकारी की विस्तृत जांच आख्या दिनांक 29.08.2025 पर मुख्य विकास अधिकारी की अग्रसारण आख्या दिनांक 29.08.2025 पर कार्यवाही करते हुए बताया गया है कि प्रस्तुत आख्या के विधिवत् अवलोकन एवं परिशीलन से यह स्पष्ट होता है कि प्रश्नगत प्रकरण में तत्कालीन पदेन अधिकारीगण एवं कर्मचारीगण द्वारा विधिविरुद्ध ढंग से अनियमित वित्तीय हस्तान्तरण एवं आहरण करके गंभीर वित्तीय अनियमितता एवं शासकीय धनराशि का दुरूपयोग व गबन किया गया है। इसके साथ ही उक्त प्रकरण में शासन स्तर के निर्देशों का परिपालन कराये जाने हेतु अनुश्रवण करने में लापरवाही की गयी है।
जिलाधिकारी द्वारा उक्त प्रकरण में की गई गंभीर वित्तीय अनियमितता हेतु उत्तरदाई तत्कालीन पदेन अधिकारीगण, कर्मचारीगण एवं अन्य के विरुद्ध कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए हैं।
जिलाधिकारी द्वारा निर्देशित किया गया है कि श्री शिवप्रकाश सिंह, तत्कालीन सचिव द्वारा धनराशि आहरण पर रोक के बावजूद अनियमित ढंग से फर्मों को धनराशि का अंतरण किये जाने के आरोप में की गयी विभागीय कार्यवाही को पुर्नजीवित किया जाए।
धनराशि आहरण पर रोक के बावजूद बिना कार्य कराये गबन की नियत से सचिव/प्रधान द्वारा फर्म को अन्तरित धनराशि एक सप्ताह के भीतर वसूल की जाए अन्यथा की स्थिति में शासकीय धन के गबन के आरोप में सम्बन्धित सचिव/ग्राम प्रधान के विरूद्ध प्रथम सूचना रिर्पोट दर्ज कराकर अवगत करायें। इसके साथ ही समस्त 30 ग्राम पंचायतें जहाँ अन्तरित शासकीय धनराशि पदेन सचिव द्वारा शासकीय खाता ग्राम निधि-6 में जमा नहीं करायी गयी, के विरूद्ध विभागीय कार्यवाही प्रारम्भ कराते हुए सम्बन्धित ग्राम प्रधान के विरूद्ध पंचायती राज अधिनियम के तहत् अपेक्षित कार्यवाही सम्पादित की जाए।
जिलाधिकारी ने निर्देशित किया है कि तत्कालीन जिला पंचायत राज अधिकारी, संत कबीर नगर पर पंचायती राज अधिनियम के विरूद्ध कार्य करते हुए वित्तीय अनियमितता किये जाने के आरोप में निदेशक, पंचायती राज निदेशालय, उत्तर प्रदेश को विभागीय कार्यवाही किये जाने हेतु पत्राचार किया जाय।
उन्होंने निर्देश दिया है कि जनपद के समस्त 09 विकास खण्डों में तत्समय नियुक्त सहायक विकास अधिकारीगण के विरूद्ध पर्यवेक्षणीय दायित्वों के निर्वहन में दोषी पाये जाने के आरोप में विभागीय कार्यवाही प्रारम्भ की जाए। उक्त वित्तीय अनियमितता में दोषी पाये गये समस्त सहायक विकास अधिकारी पंचायत की जांच हेतु अपर जिलाधिकारी (न्यायिक), जनपद संत कबीर नगर को जांच अधिकारी नामित किया गया है। नियम विरूद्ध तरीके से बिना कार्य कराये षड्यन्त्र में सम्मिलित होकर अनियमित रूप से धनराशि आहरण किये जाने एवं आहरित धनराशि को वापस न किये जाने के आरोप में सम्बन्धित फर्मों को ब्लैकलिस्ट करते हुए शासकीय धनराशि की वसूली कराये जाने के निर्देश जिलाधिकारी द्वारा दिए गए हैं।
जिलाधिकारी द्वारा कार्यालय जिला पंचायत राज अधिकारी, संत कबीर नगर में तैनात तत्कालीन पटल सहायक को पंचायती राज अधिनियम के विरूद्ध षड्यन्त्र में सम्मिलित होकर अनियमित रूप से धनराशि अन्तरित किये जाने जैसे अनैतिक कार्यों में सहयोग प्रदान करने के आरोप में सेवा से पद-च्युत करने हेतु कर्मचारी सेवा नियमावली, उ0प्र0 के तहत प्रस्ताव प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया गया है।
ग्राम पंचायत अधिकारीगण/सचिव जिनके ग्राम पंचायतों में धनराशि आहरण पर रोक के बावजूद बिना कार्य कराये षड्यन्त्र के तहत धनराशि अन्तरित की गयी एवं अन्तरित धनराशि शासकीय खाता ग्राम निधि-6 में जमा नहीं करायी गयी, उन ग्राम पंचायतों में विकास खण्डवार मुख्य विकास अधिकारी की जांच आख्या के अनुसार विकास खण्डवार जांच अधिकारी नामित किया गया है। इसके साथ ही संबंधित ग्रामों के ग्राम प्रधान के विरूद्ध पंचायती राज अधिनियम के अन्तर्गत कार्यवाही का प्रस्ताव प्रस्तुत किये जाने के निर्देश जिलाधिकारी द्वारा दिए गए हैं।
जिलाधिकारी द्वारा दिए गए निर्देश के क्रम में विकासखंड खलीलाबाद के ग्राम पंचायत अधिकारीगण/सचिव अनिल कुमार सिंह, कौशल कुमार सिंह, चन्द्र प्रकाश सिंह, अनिल सिंह, आनन्द कुमार, कमलेश पति त्रिपाठी, किशन कुमार के ग्राम पंचायत की जांच हेतु अपर उप जिलाधिकारी हृदय राम तिवारी को जांच अधिकारी नामित किया गया है।
विकासखंड सेमरियावां के ग्राम पंचायत अधिकारीगण/सचिव मो0 अफजल व श्रीमती सुनीता मिश्रा के ग्राम पंचायत व विकासखंड सांथा अंतर्गत ग्राम पंचायत अधिकारी आनन्द कुमार की जांच हेतु अपर उप जिलाधिकारी सुधीर कुमार को जांच अधिकारी नामित किया गया है।
विकासखंड बेलहरकला के ग्राम पंचायत अधिकारी सुशील सिंह व चंदन सिंह के ग्राम पंचायत की जांच हेतु अपर उप जिलाधिकारी रविकान्त चौबे को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है। इसी प्रकार विकासखंड बघौली में ग्राम पंचायत अधिकारी श्रीमती कंचन मिश्रा व शिवमूरत मौर्या के ग्राम पंचायत की जांच हेतु अपर उप जिलाधिकारी सुधीर कुमार को जांच अधिकारी नामित किया गया है।
विकासखंड पौली में ग्राम पंचायत अधिकारी आनन्द कुमार व विकासखंड हैंसर बाजार के ग्राम पंचायत अधिकारी शैलजा मिश्रा के ग्राम पंचायत की जांच हेतु अपर उप जिलाधिकारी रवि कान्त चौबे को जांच अधिकारी नामित किया गया है।
जिलाधिकारी द्वारा उपरोक्तानुसार प्रकरणों में समस्त बिन्दुओं पर कार्यवाही कराये जाने हेतु उत्तरदायी अधिकारीगण व प्रकरण में नामित जांच अधिकारीगण को दो माह में भीतर जांच/वांछित कार्यवाही पूर्ण कर आख्या उपलब्ध कराने हेतु निर्देशित किया गया है।
जिलाधिकारी आलोक कुमार द्वारा दैनिक जागरण समाचार पत्र में “डुबा दी गई करोडों, वित्तीय अनियमितता की जांच” नामक शीर्षक से प्रकाशित खबर के प्रकरण में गठित त्रिस्तरीय जांच समिति के सदस्यों के रूप में नामित जिला पंचायत राज अधिकारी, उपायुक्त श्रम रोजगार एवं जिला विकास अधिकारी की विस्तृत जांच आख्या दिनांक 29.08.2025 पर मुख्य विकास अधिकारी की अग्रसारण आख्या दिनांक 29.08.2025 पर कार्यवाही करते हुए बताया गया है कि प्रस्तुत आख्या के विधिवत् अवलोकन एवं परिशीलन से यह स्पष्ट होता है कि प्रश्नगत प्रकरण में तत्कालीन पदेन अधिकारीगण एवं कर्मचारीगण द्वारा विधिविरुद्ध ढंग से अनियमित वित्तीय हस्तान्तरण एवं आहरण करके गंभीर वित्तीय अनियमितता एवं शासकीय धनराशि का दुरूपयोग व गबन किया गया है। इसके साथ ही उक्त प्रकरण में शासन स्तर के निर्देशों का परिपालन कराये जाने हेतु अनुश्रवण करने में लापरवाही की गयी है।
उक्त प्रकरण में जिलाधिकारी द्वारा मूल रूप से एपिसोड में बनाए गए गंभीर वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए सुपरस्टार सुपरस्टार पदेन ऑफिसरगण, स्टाफ़गण एवं अन्य के विरुद्ध कार्यवाही किए जाने के निर्देश दिए गए हैं।
जिलाधिकारी द्वारा निर्देशित किया गया है कि श्री शिवप्रकाश सिंह, तत्कालीन सचिव द्वारा धनराशि आहरण पर रोक के बावजूद अनियमित ढंग से फर्मों को धनराशि का अंतरण किये जाने के आरोप में की गयी विभागीय कार्यवाही को पुर्नजीवित किया जाए।
धनराशि आहरण पर रोक के बावजूद बिना कार्य कराये गबन की नियत से सचिव/प्रधान द्वारा फर्म को अन्तरित धनराशि एक सप्ताह के भीतर वसूल की जाए अन्यथा की स्थिति में शासकीय धन के गबन के आरोप में सम्बन्धित सचिव/ग्राम प्रधान के विरूद्ध प्रथम सूचना रिर्पोट दर्ज कराकर अवगत करायें। इसके साथ ही समस्त 30 ग्राम पंचायतें जहाँ अन्तरित शासकीय धनराशि पदेन सचिव द्वारा शासकीय खाता ग्राम निधि-6 में जमा नहीं करायी गयी, के विरूद्ध विभागीय कार्यवाही प्रारम्भ कराते हुए सम्बन्धित ग्राम प्रधान के विरूद्ध पंचायती राज अधिनियम के तहत् अपेक्षित कार्यवाही सम्पादित की जाए।
जिलाधिकारी ने निर्देशित किया है कि तत्कालीन जिला पंचायत राज अधिकारी, संत कबीर नगर पर पंचायती राज अधिनियम के विरूद्ध कार्य करते हुए वित्तीय अनियमितता किये जाने के आरोप में निदेशक, पंचायती राज निदेशालय, उत्तर प्रदेश को विभागीय कार्यवाही किये जाने हेतु पत्राचार किया जाय।
उन्होंने निर्देश दिया है कि जनपद के समस्त 09 विकास खण्डों में तत्समय नियुक्त सहायक विकास अधिकारीगण के विरूद्ध पर्यवेक्षणीय दायित्वों के निर्वहन में दोषी पाये जाने के आरोप में विभागीय कार्यवाही प्रारम्भ की जाए। उक्त वित्तीय अनियमितता में दोषी पाये गये समस्त सहायक विकास अधिकारी पंचायत की जांच हेतु अपर जिलाधिकारी (न्यायिक), जनपद संत कबीर नगर को जांच अधिकारी नामित किया गया है। नियम विरूद्ध तरीके से बिना कार्य कराये षड्यन्त्र में सम्मिलित होकर अनियमित रूप से धनराशि आहरण किये जाने एवं आहरित धनराशि को वापस न किये जाने के आरोप में सम्बन्धित फर्मों को ब्लैकलिस्ट करते हुए शासकीय धनराशि की वसूली कराये जाने के निर्देश जिलाधिकारी द्वारा दिए गए हैं।
जिलाधिकारी द्वारा कार्यालय जिला पंचायत राज अधिकारी, संत कबीर नगर में तैनात तत्कालीन पटल सहायक को पंचायती राज अधिनियम के विरूद्ध षड्यन्त्र में सम्मिलित होकर अनियमित रूप से धनराशि अन्तरित किये जाने जैसे अनैतिक कार्यों में सहयोग प्रदान करने के आरोप में सेवा से पद-च्युत करने हेतु कर्मचारी सेवा नियमावली, उ0प्र0 के तहत प्रस्ताव प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया गया है।
ग्राम पंचायत अधिकारीगण/सचिव जिनके ग्राम पंचायतों में धनराशि आहरण पर रोक के बावजूद बिना कार्य कराये षड्यन्त्र के तहत धनराशि अन्तरित की गयी एवं अन्तरित धनराशि शासकीय खाता ग्राम निधि-6 में जमा नहीं करायी गयी, उन ग्राम पंचायतों में विकास खण्डवार मुख्य विकास अधिकारी की जांच आख्या के अनुसार विकास खण्डवार जांच अधिकारी नामित किया गया है। इसके साथ ही संबंधित ग्रामों के ग्राम प्रधान के विरूद्ध पंचायती राज अधिनियम के अन्तर्गत कार्यवाही का प्रस्ताव प्रस्तुत किये जाने के निर्देश जिलाधिकारी द्वारा दिए गए हैं।
जिलाधिकारी द्वारा दिए गए निर्देश के क्रम में विकासखंड खलीलाबाद के ग्राम पंचायत अधिकारीगण/सचिव अनिल कुमार सिंह, कौशल कुमार सिंह, चन्द्र प्रकाश सिंह, अनिल सिंह, आनन्द कुमार, कमलेश पति त्रिपाठी, किशन कुमार के ग्राम पंचायत की जांच हेतु अपर उप जिलाधिकारी हृदय राम तिवारी को जांच अधिकारी नामित किया गया है।
विकासखंड सेमरियावां के ग्राम पंचायत अधिकारीगण/सचिव मो0 अफजल व श्रीमती सुनीता मिश्रा के ग्राम पंचायत व विकासखंड सांथा अंतर्गत ग्राम पंचायत अधिकारी आनन्द कुमार की जांच हेतु अपर उप जिलाधिकारी सुधीर कुमार को जांच अधिकारी नामित किया गया है।
विकासखंड बेलहरकला के ग्राम पंचायत अधिकारी सुशील सिंह व चंदन सिंह के ग्राम पंचायत की जांच हेतु अपर उप जिलाधिकारी रविकान्त चौबे को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है। इसी प्रकार विकासखंड बघौली में ग्राम पंचायत अधिकारी श्रीमती कंचन मिश्रा व शिवमूरत मौर्या के ग्राम पंचायत की जांच हेतु अपर उप जिलाधिकारी सुधीर कुमार को जांच अधिकारी नामित किया गया है।
विकासखंड पौली में ग्राम पंचायत अधिकारी आनन्द कुमार व विकासखंड हैंसर बाजार के ग्राम पंचायत अधिकारी शैलजा मिश्रा के ग्राम पंचायत की जांच हेतु अपर उप जिलाधिकारी रवि कान्त चौबे को जांच अधिकारी नामित किया गया है।
जिलाधिकारी द्वारा उपरोक्तानुसार प्रकरणों में समस्त बिन्दुओं पर कार्यवाही कराये जाने हेतु उत्तरदायी अधिकारीगण व प्रकरण में नामित जांच अधिकारीगण को दो माह में भीतर जांच/वांछित कार्यवाही पूर्ण कर आख्या उपलब्ध कराने हेतु निर्देशित किया गया है।
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