संतकबीरनगर।महुली थाना में नहीं दर्ज किया जाता मोबाइल चोरी की घटना, हालांकि चोरी हुए मोबाइल का जंजाल कौन मोल ले, इसलिए अधिकतर मामले गुमशुदगी में दर्ज किए जाते हैं। लेकिन जहां चोरी हुए मोबाइल की वीडियो फुटेज हो, व्यक्ति की पहचान हो, आखिर वहां क्यों पुलिस गंभीर नहीं होती। इस तरह तो चोरी करने वाले का हौसला बुलंद हो जाएगा। मामला जनपद के महुली थाना क्षेत्र अंतर्गत लखनापार गांव का है। जहां शिकायतकर्ता हेमनाथ पाल ने यह आरोप लगाया है, कि वह अपने बोलेरो पर पर्दा डाल रहा था, इस वजह से मोबाइल कुएं के ऊपर रखे कंबल पर रख दिया, और पर्दा लगाने के बाद बगल में पेशाब करने चला गया। उसी समय मेरे बड़े भाई धर्मनाथ पाल नहाने के लिए नल पर आए, तो रखा मोबाइल देख कर उसके ऊपर कपड़ा रख कर उठा लिए, और अपने कमरे में चले गए। जिसका सीसीटीवी फुटेज शिकायतकर्ता के पास मौजूद है। बावजूद पुलिस एफ आई आर दर्ज नहीं कर रही है। जब साक्ष्य मौजूद हैं तो क्यों पुलिस एफ आई आर में कर रही है हीलाहवाली। जबकि कोई व्यक्ति किसी की मूल्यवान वस्तु, संपत्ति, अथवा किसी वस्तु को बिना उसके सहमति से उठाता है। तो वह चोरी की घटना में आता है।
मोबाइल चोरी की साक्ष्य के बावजूद एफआईआर नही दर्ज कर रही महुली पुलिस



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