जब -जब होई धरम की हानी,बाढ़हि असुर अधम अभिमानी, तब-तब धरि प्रभु विविध शरीरा, हरहि दयानिधि सज्जन पीरा।।
संतकबीरनगर।श्रीमद् भागवत महापुराण नवाह परायण कथा ज्ञानयज्ञ श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का आयोजन 19 अप्रैल से 27 अप्रैल तक आयोजित हो रही है। जिसमें कथा के दौरान कथावाचक वेदव्यास स्वरूप श्री अयोध्या धाम से पधारे विद्या पति त्रिपाठी जी एवं पंडित सुरेंद्र नाथ पांडे , एवं धाम से पधारे हुए अन्य सहयोगी गढ़ द्वारा श्रीकष्ण जन्मोत्सव प्रसंग की सुंदर प्रस्तुति की गई। कथा वाचक श्री त्रिपाठी जी ने कहा कि जब -जब होई धरम की हानी,बाढ़हि असुर अधम अभिमानी, तब-तब धरि प्रभु विविध शरीरा, हरहि दयानिधि सज्जन पीरा अर्थात जब-जब पृथ्वी पर धर्म की हानि होती है, दुष्टों का प्रभाव बढ़ने लगता है, तब सज्जनों की पीड़ा हरने के लिए प्रभु का अवतार होता है। जब-जब इस धरा धाम पर आसुरी शक्तियों का अत्याचार चरम सीमा पर पहुंचने लगता है भक्तों को जीना दुर्लभ हो जाता है तब-तब परमात्मा आवश्यकतानुसार नाना प्रकार के रूप धारण कर अवतरित होते हैं और आसुरी शक्तियों को समाप्त कर भक्तों की रक्षा करते हुए धर्म की पुन: स्थापना करते हैं। इसी तरह परमात्मा के सभी जन्मों का वर्णन करते हुए।

श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की सुंदर प्रस्तुति की गई। जिसे सुनकर श्रोता भाव विभोर हो गए बधाई गीतों पर सभी थिरकने लगे। माताओं बहनों ने भी सुंदर बधाई गीतों की प्रस्तुति दी। कथा में श्री त्रिपाठी द्वारा बताया गया कि जो हमारे कई जन्मों के पुण्य उदय होते हैं तब-तब हमें भागवत कथा सुनने का सौभाग्य प्राप्त होता है। कथा के श्रवण मात्र से ही कई पीढियों का उद्धार हो जाता है साथ ही निरंतर कथा श्रवण एवं सत्संग करने से समाज में रहने और जीने का ढंग प्राप्त होता है। जिससे मानव दूसरे को सुख देते हुए अपना जीवन यापन करने लगते हैं। गोस्वामी तुलसीदास जी ने लिखा भी है परहित सरिस धर्म नहिं भाई पर पीड़ा सम नहिं अधिमाई। मिश्र परिवार सहित समस्त क्षेत्रवासी कथा श्रोताओं श्रद्धालुओं का आभार व्यक्त करते हुए नियमित कथा श्रवण हेतु पधारने की अपील की है। कथा के दौरान भगवान की प्रस्तुति में श्री लक्ष्मी नारायण शुक्ला जी पूर्व प्रधानाचार्य आदर्श इंटर कॉलेज कुसुरु खुर्द की उपस्थिति ने भगवान के जन्म अवतरण पर ऐसी संगीतमई प्रस्तुति पेश किए की सारे श्रद्धालु उत्साहित भाउक हो गए ।
पंडाल में ऐसा माहौल बना की जैसे सब बिंद्रावन धाम में झूम रहे हो, पंडाल में आए क्षेत्र के लोगों ने कथा वाचक विद्यापति त्रिपाठी जी एवं उनके सहयोगियों को गांव एवं क्षेत्र के प्रसिद्ध संत राम जागीर दास जी महाराज, हरिहर प्रसाद मिश्र, श्री आदित्य मिश्र, आयोजक शेषदत्त के पुत्र अजीत मिश्र एवं समस्त परिवार अभिवादन एवं अन्य सभी श्रद्धालु भक्तगण सम्मानित भी किए ।
यहां कार्यक्रम का आयोजन जनपद के ब्लॉक बेलहर कला क्षेत्र ग्राम कुशहरा में शेषदत्त मिश्र जी के घर पर आयोजन चल रहा है ।
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