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डाँ0 अमृता राय पर लगा 45 लाख रुपये का हर्जाना

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आप्रेशन के दौरान पेट मे रुई छोडने के मामले मे राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष लखनऊ ने किया आदेश

पडरौना नगर मे स्थित सृजन हास्पिटल की डाक्टर अमृता राय ने की थी आप्रेशन मे घोर लापरवाही

रिपोर्ट-अमित मिश्रा

कुशीनगर । आप्रेशन के दौरान महिला के पेट मे काटन छोडकर घोर लापरवाही बरतने के मामले मे राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग लखनऊ के सदस्य राजेंद्र सिंह ने पडरौना नगर मे स्थित सृजन हास्पिटल की मालकिन डा0 अमृता राय पर 45.39 लाख रुपये का हर्जाना लगाया है। आयोग ने यह आदेश भी दिया है कि दो माह के अन्दर अर्थदंड नही देने पर महिला चिकित्सक को पनाह फीसदी वार्षिक ब्याज जोडकर देय धनराशि का भुगतान करना होगा।

क्या है मामला

काबिलेगोर है कि जिले के खैरी की जुडाछपरा के निर्मल पट्टी निवासी सुशीला शर्मा पत्नी विनोद शर्मा ने राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग लखनऊ मे वाद दाखिल कर आरोप लगाया कि 7 मई-2020 को पहली बार माँ बनने पर वह पडरौना नगर मे स्थित सृजन हास्पिटल की महिला डा0 अमृता राय को दिखाया था। महिला डाक्टर ने देखने के बाद 25 मई को आप्रेशन का डेट निर्धारित कर दवा देकर घर भेज दिया। फिर निर्धारित तिथि को अस्पताल पहुचने पर डा0 अमृता राय ने आप्रेशन कर बच्चे को पैदा कराया। इसमे चालीस हजार रुपये खर्च हुए। पीडिता के मुताबिक वह अस्पताल से 31 मई को डिस्चार्ज हुई लेकिन उसके पेट मे निरंतर दर्द होता रहा। तवीयत ज्यादा बिगडने पर वह 5 जून को पुन: डा0 अमृता राय को दिखायी तो डाक्टर राय ने उसे गोरखपुर सावित्री हास्पिटल रेफर कर दिया। वहा जांच मे पता चला कि महिला डा0 अमृता राय ने आप्रेशन के दौरान काटन पैड पेट मे छोड दिया है, जिसके बाद जिन्दगी की आस बिल्कुल टूट गयी थी। सावित्री अस्पताल मे आप्रेशन के बाद जिन्दगी और मौत से जूझते हुए शुशीला शर्मा जब ठीक हुई तो 15.39 लाख रुपये क्षतिपूर्ति की मांग करते हुए सृजन अस्पताल की डा0 अमृता राय के खिलाफ मुकदमा दाखिल किया। सुशीला ने इस जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग मे परिवाद दाखिल किया। इस पर जिला आयोग ने गुण दोष के आधार पर महिला चिकित्सक डा अमृता राय को आप्रेशन मे लापरवाही बरतने का दोषी पाया। इसको गंभीरता से लेते हुए आयोग ने महिला चिकित्सक पर चार लाख रुपये अर्थदंड लगाते हुए दो माह के भीतर लगाये गये अर्थदंड न देने की दशा मे छह प्रतिशत अतिरिक्त ब्याज देने का आदेश जारी किया था।

राज्य उपभोक्ता आयोग मे की अपील

इसके बाद सुशीला ने राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग लखनऊ के समक्ष अपील की। राज्य आयोग के तीन सदस्यों की बेंच के पीठासीन सदस्य राजेन्द्र सिंह ने डाँ0 अमृत राय को गंभीर लापरवाही का दोषी मानते हुए पीडिता को 15 लाख 39 हजार 752 बतौर क्षतिपूर्ति के साथ 1 दिसंबर – 2020 से दस प्रतिशत वार्षिक व्याज के साथ अर्थदंड देने का आदेश दिया। सुशीला शर्मा को मानसिक यंत्रणा, बेचैनी और परेशानी के मद मे कुल 30 लाख रपये हर्जाना दस फीसदी वार्षिक ब्याज के साथ अदा करने का निर्देश दिया है। यह ने यह भी कहा है कि अगर डाँ0 अमृता राय यह भुगतान इस निर्णय से 60 दिन के अन्दर नही करती है तो इस रकम पर 15 प्रतिशत वार्षिक ब्याज लगाया जाएगा।

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