भ्रष्टाचार की एक ऐसी परिधि बन चुकी है जिसकी जड़े अधिकारियों के इर्द गिर्द पांव पसार कर जमी हुई है….
आखिर क्यों नहीं लग पा रहा है लगाम क्यों लाचार और विवश है सरकार..???
वाराणसी में फेंसिडाल सिरप या कोडिंन सिरप कि लगातार तस्करी जोरो पर
वाराणसी।सप्तसागर दवामंडी थाना कोतवाली अंतर्गत आता है जहां भ्रष्टाचार का पैमाना सरकार की नजर से कोसों दूर है फेंसीडाल सिरप या कोडीन सिरप की तस्करी जबरदस्त पांव पसारे हुए है जिसमें ड्रग इंस्पेक्टर सहायक आयुक्त औषधि पूरी तरह से मिलीभगत होती है यह लोग प्रति बोतल ₹5 के हिसाब से रिश्वत लेते हैं जिसका अगर टोटल अमाउंट देखा जाए तो महीने का कम से कम ₹2000000/- बीस लाख रुपए बनता है इसकी वसूली बरसों से जारी है एसटीएफ व डीआरडीओ
इस पर काम कर रही है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग की मिलीभगत होने की वजह से कोई भी सफलता नहीं मिल पा रहा है !
विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक सारा माल यह बिल से आता है उसके बाद इसको बिना बिल बेच दिया जाता है और छोटे छोटे दुकानदारों के ऊपर 40 बोतल 20 बोतल 50 बोतल इस तरह से बिलिंग कर दी जाती है जिसकी जांच स्वास्थ्य विभाग द्वारा किया जाता है और स्वास्थ्य विभाग मिले होने की वजह से इसको एनओसी दे देता है जिसमें सभी चीज सही दर्शा दिया जाता है जो बिल्कुल गलत है यह सारी दवाइयाँ कोडीन के रूप में आती हैं और कोडीन का सबसे बड़ा हब वाया कोलकाता बांग्लादेश माल सप्लाई होता है जिसमें नारकोटिक्स की भी मिलीभगत होती है बड़े स्तर पर तो नहीं कह सकते हैं लेकिन छोटे स्तर पर अर्थात जिले स्तर के अधिकारी इसमें लंबा पैसा खाता हैं क्योंकि पूरा माल तो बिल से आता है लेकिन बाद में यह पूरा माल बिना बिल के वाया कोलकाता बांग्लादेश चला जाता है और जो छोटे-छोटे समूह में 10/ 20 /50 बोतलों के के बिल काटते हैं उसका कोई भी जांच नहीं होती !
जब इस बाबत किसी भी अधिकारी से मामले की बात की जाती है तो मुंह सील जाते हैं होठों पर ताला लग जाते हैं यही नहीं फोन कट कर दिया जाता है और फालतू बात जिसमें कोई सबूत ना होने की बात कह कर पल्ला झाड़ लिया जाता है लेकिन यह एक ऐसा सत्य है जो निरंतर लूट की हवेली सजा रहा है जहां सब मिल बांट खा रहे हैं..!!
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