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डीएम की अध्यक्षता में नेशनल मिशन आन एग्रीकल्चर एक्सटेंशन एंड टेक्नोलॉजी (आत्मा) योजना एवं राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन की समीक्षा बैठक हुई आयोजित।

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कृषि क्षेत्र में हो रहे नये प्रयोगों/उन्नत कृषि की दिशा में कृषि वैज्ञानिको एवं कृषि विभाग द्वारा किये जा रहे प्रयासों का प्रभाव किसान के खेतों में दिखना ही प्राथमिकता-डीएम।

संत कबीर नगर । जिलाधिकारी की अध्यक्षता में नेशनल मिशन आन एग्रीकल्चर एक्सटेंशन एंड टेक्नोलॉजी ‘‘आत्मा’’ योजना की गर्वनिंग बोर्ड की बैठक कलेक्टेªट सभागार में आयोजित हुई, जिसमें आत्मा योजना अंतर्गत जिला एक्शन प्लान और इसके साथ राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजना के जिला एक्शन प्लान की समीक्षा की गई। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी संत कुमार उपस्थित रहें। उप निदेशक कृषि द्वारा बताया गया की आत्मा योजना अंतर्गत गत वर्ष में किसानों के प्रशिक्षण एक्सपोजर विजिट, उन्नत फसल तकनीकी प्रदर्शन, फॉर्म स्कूल प्रदर्शन, कृषि, उद्यान, पशुपालन एवं मत्स्य पालन के प्रगतिशील किसानों को किसान सम्मान दिवस पर सम्मानित कराया गया एवं प्रचार-प्रसार के लिए विकास खंड स्तर पर गोष्ठियां आयोजित की गई। किसान वैज्ञानिक संवाद के अंतर्गत जनपद के कृषि विज्ञान केंद्र बगही के कृषि वैज्ञानिकों के सहयोग से संयुक्त भ्रमण कार्यक्रम एवं प्रशिक्षण कार्य कराए गए। उन्होंने समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी को अवगत कराया कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन अंतर्गत नवीन उन्नतशील प्रजातियों के गेहूं, धान, दलहन अंतर्गत चना, मटर, मसूर, उर्दू, मूंग के बीज अनुदान पर वितरित कराए जाते हैं। धान, गेहूं, दलहन के 100-100 हेक्टेयर के फसल प्रदर्शन उन्नत तकनीकी प्रचार-प्रसार हेतु कराए गए। इसी योजना में उन्नत कृषि यंत्र जैसे पंपसेट, रोटावेटर, स्प्रेयर, कल्टीवेटर मल्टी क्रोप थ्रेशर, सीड ड्रिल लेजर लैंड लेबलर, स्मॉल गोदाम, तारपलिन सीट, सिंचाई जल प्रबंधन हेतु पम्पसेट, वाटर केयरिंग पाइप, लपेटा पाइप इत्यादि अनुदान पर वितरित किए जाते हैं। जिलाधिकारी द्वारा निर्देश दिया गया कि कृषि विभाग के क्षेत्रीय कर्मचारी प्रचार-प्रसार करते हुए इन लक्ष्यों को शत-प्रतिशत पूर्ण करें। जिससे कि किसानों के उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि हो। जिलाधिकारी द्वारा निर्देश दिया गया कि इन दोनों योजनाओं में किसानों के साथ जुड़कर उनमें प्रचलित सामान्य कृषि में बदलाव करते हुए उद्यमशीलता का विकास करते हुए किसानों की आय में वृद्धि करने हेतु कार्य किया जाए जिसमें कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन एवं उद्यान सभी उन्नत कृषि पद्धति के अंतर्गत कार्य करें और एक मॉडल कृषि कार्य के रूप में जनपद को अग्रसारित करें। जिलाधिकारी ने कहा कि कृषि क्षेत्र में हो रहे नये प्रयोगों/उन्नत कृषि की दिशा में कृषि वैज्ञानिको एवं कृषि विभाग द्वारा किये जा रहे प्रयासों का कितना लाभ किसानों तक पहुंच पा रहा है और इसका कितना प्रभाव किसान के खेतों में दिख रहा है इस बात पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि किसानों की आय में वृद्धि के लिये यह महत्वपूर्ण है कि किसान खेती को जीवनयापन से आगे बढ़कर व्यापार के रूप में अपनाना शुरू कर दें। उन्होंने कहा कि इसके लिये कृषि वैज्ञानिको की देख-रेख में कृषि विभाग द्वारा करायी जा रही मॉडल फार्मिग में जब औसत उपज से ज्यादा प्रदर्शन कर उस तकनीक से किसान को समझाया जायेगा तभी किसान उस तकनीक को अपनाने के लिये प्रेरित होगा। उन्होंने कहा कि कृषि के सभी घटको में इस प्रयास को लागू किये जाने की आवश्यकता है। कृषि तकनीको का जमीनी स्तर पर एवं किसानों के खेत में उसका प्रभाव दिखना ही कृषि विभाग की प्राथमिकता होनी चाहिए।इस अवसर पर उप कृषि निदेशक राकेश कुमार सिंह, उपायुक्त उद्योग राजकुमार शर्मा, भूमि संरक्षण अधिकारी सी0पी0 सिंह एलडीएम पवन कुमार सिन्हा, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ यशपाल सिंह, सहायक जिला कृषि अधिकारी डॉ बृजेश कुमार एवं प्रगतिशील किसान सुरेन्द्र राय सहित अन्य सम्बन्धित आदि उपस्थित रहे।

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