दबे-कुचले लोगों के मसीहा थे डॉअम्बेडकर – विरेन्द्र गुप्ता
सिद्धार्थनगर :– शोहरतगढ में गडाकुल तिराहे पर साक्षी कम्प्यूटर एजूकेशन सोसाइटी पर संविधान निर्माता डॉ भीम राव अम्बेडकर जी के परि निर्माण दिवस के अवसर पर उनके चित्र के समक्ष पुष्प अर्पित कर मनाया गया। इस दौरान एबीवीपी के पूर्व प्रदेश सहमंत्री एंव पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष शिवशक्ति शर्मा ने कहा कि बाबा साहब एक अच्छे अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और समाज सुधारक थें। उन्होंने दलित बौद्ध आन्दोलन को प्रेरित किया और अछूतों (दलितों) से सामाजिक भेदभाव के विरूद्ध अभियान चलाया था। बाबा साहब ने श्रमिकों, किसानों और महिलाओं के अधिकारों का समर्थन भी किया था। इसी क्रम में शोहरतगढ के धर्म जागरण प्रमुख विरेन्द्र गुप्ता ने कहा कि बाबा भीम राव अम्बेडकर जन्म महार जाति में हुआ था। जिसे लोग अछूत और बेहद निचला वर्ग मानते थे। बचपन में भीमराव अम्बेडकर के परिवार के साथ सामाजिक और आर्थिक रुप से गहरा भेदभाव किया जाता था। भीमराव अम्बेडकर का बचपन का नाम रामजी सकपाल था। अम्बेडकर के पूर्वज लम्बे समय तक ब्रिटिश भारतीय सेना की मऊ छावनी में सेवा में थे। भीम राव के पिता हमेशा ही अपने बच्चों की शिक्षा पर जोर देते थें। 1894 में भीमराव अम्बेडकर जी के पिताजी सेवा निवृत्त हो गए और इसके दो साल बाद अम्बेडकर की मां की मृत्यु हो गई। बच्चों की देखभाल उनकी चाची ने कठिन परिस्थितियों में रहते हुए की। 15 अगस्त 1947 में भारत की स्वतंत्रता के बाद कांग्रेस के नेतृत्व वाली नई सरकार अस्तित्व में आई तो उसने अम्बेडकर को देश का पहले कानून मंत्री के रुप में सेवा करने के लिए आमंत्रित किया। जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया 29 अगस्त 1947 को अम्बेडकर को स्वतंत्र भारत के नए संविधान की रचना के लिए बनीं। इस दौरान मुख्य रूप से सतीश मिश्रा भाजपा पकड़ी मंडल महामंत्री प्रबंधक प्रदीप चौधरी, संदीप कुमार, आशीष कसौधन, विशाल गौतम , राज चौधरी, मोहम्मद अनस, विकास मध्येशिया, रोहित चौरसिया, अंकित सिंह, उदय निषाद आदि मौजूद रहें।
More Stories
अपर जिलाधिकारी (न्यायिक) की अध्यक्षता में खलीलाबाद तहसील में संपूर्ण समाधान दिवस का हुआ आयोजन।
एसपी ने रात में गश्त कर सुरक्षा व्यवस्था का किया निरीक्षण, कानून-व्यवस्था बनाए रखने के दिए निर्देश
थाना धनघटा पुलिस की जाँच में झूठी निकली चोरी की तीन सूचनाएं