रिपोर्ट -बी. डी. पाठक
नाथनगर , संतकबीरनगर : विश्वामित्र ने अयोध्या नरेश दशरथ से राम और लक्ष्मण को मांग लिया। कारण यह कि उनके यज्ञ कार्य में दुष्टजन व्यवधान पैदा करते थे। रामकथा के इस मार्मिक प्रसंग का मंचन रविवार को हुआ ।

- आपको बताते चले कि श्री रुद्र महायज्ञ का आयोजन काली जगदीशपुर में कथा वाचक टुनटुन मिश्रा उर्फ हलचल बाबा के सानिध्य में हो रहा । जहा विश्वामित्र ने दशरथ से मांगे राम-लक्ष्मण का संवाद हो रहा था ।

- कथानक के अनुसार ताड़का, सुबाहु और मारीच के आतंक से विश्वामित्र के अलावा जंगल में वास करने वाले अन्य संत जन भी परेशान थे। वह नियमित यज्ञ कार्य भी नहीं कर पा रहे थे। दुष्ट प्रकृति का सुबाहु यज्ञ स्थल पर मरे प्राणियों की हड्डी बिखेर देता। इससे परेशान होकर विश्वामित्र ने विचार किया और निर्णय लिया कि यज्ञ की रक्षा के लिए अयोध्या नरेश से राम और लक्ष्मण को मांग लें।

इसके बाद वह अयोध्या पहुंच गए। अयोध्या में उनका स्वागत राजा दशरथ ने किया। इसके बाद अयोध्या आने का कारण पूछा। तब उन्होंने उनसे राम और लक्ष्मण को मांग लिया। शुरू में तो राजा दशरथ पुत्र देने से इन्कार कर देते हैं कहते हैं कि आप चाहें तो मेरी सेना ले लें या उन राक्षसों का वध करने के लिए मैं चलूंगा । मोह के कारण राजा दशरथ राम लक्ष्मण को नहीं दे रहे थे। वह असमंजस में डूब गए। इस दौरान यज्ञ के संरक्षक अंकित चौधरी , रामदेव चौधरी , कल्लू चौधरी , वीरेंद्र चौधरी , राम समुझ चौहान , मुन्नू चौहान सहित तमाम ग्रामीण की जनता मौजूद रहे ।
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