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समाजसेवियों ने 1054 क्षय रोगियों को गोद लेकर कराया क्षयमुक्‍त

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क्षय रोगियों को गोद लेकर 2025 तक भारत को क्षयमुक्‍त कराने में बन सकते हैं भागीदार

134 बाल क्षय रोगियों को गोद लेने पर डॉ ए के सिन्‍हा हो चुके हैं सम्‍मानित

संतकबीरनगर।मुख्‍य चिकित्‍सा अधिकारी डॉ अनिरुद्ध कुमार सिंह ने बताया है कि जिले के समाजसेवियों के सहयोग से अब तक 1054 क्षय रोगियों यानि टीबी रोगियों को क्षयमुक्‍त कराया जा चुका है। 134 बाल क्षय रोगियों को गोद लेकर क्षयमुक्‍त कराने वाले डॉ ए के सिन्‍हा को विश्‍व टीबी दिवस पर राज्‍यपाल आनन्‍दी बेन पटेल के द्वारा सम्‍मानित भी किया जा चुका है।  सक्षम लोगों से यह अनुरोध है कि वह आगे आएं तथा समाज को क्षय मुक्‍त कराने में अपना महत्‍वपूर्ण योगदान दें। 
सीएमओ ने आगे कहा कि प्रदेश की राज्‍यपाल क्षय रोग के प्रति काफी संवेदनशील हैं । उनकी यह कोशिश है कि हर क्षय रोगी को पोषण के साथ ही मानसिक सम्‍बल प्रदान किया जाय, ताकि समाज में क्षय रोग के संबन्‍ध में फैली हुई भ्रान्तियां दूर हों और क्षय रोगियों को क्षय मुक्‍त कराकर इसके प्रसार को रोका जा सके। 
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ एस डी ओझा ने बताया कि जिले में अब तक 1668 क्षय रोगियों को गोद लिया गया है। गोद लिए जाने वाले क्षय रोगियों को भुना चना, मूंगफली, पोषण के सप्‍लीमेंट, ड्राईफ्रूट आदि दिए जाते हैं ताकि उनकी इम्‍यूनिटी बनी रहे और वह रोगमुक्‍त हो सकें।  प्रदेश की राज्‍यपाल आनंदी बेन पटेल के आह्वान पर रोटरी क्‍लब के अध्‍यक्ष डॉ ए के सिन्‍हा ने 134 बाल क्षय रोगियों को गोद लिया था। उनके क्षयमुक्‍त होने पर  24 मार्च 2022 को विश्‍व क्षय रोग दिवस के अवसर पर राज्‍यपाल आनन्‍दी बेन पटेल ने उन्‍हें प्रशस्ति पत्र और स्‍मृति चिन्‍ह देकर सम्‍मानित किया था । क्षय रोगियों को पोषण व सम्‍बल देने वाले लोगों को राज्‍य स्‍तर तथा जिला स्‍तर पर समय समय पर सम्‍मानित भी किया जाता है।
रोटरी क्‍लब की सचिव डॉ सोनी सिंह के सहयोग से क्षयमुक्‍त हुई जिला मुख्‍यालय के पास स्थित डीघा की निवासिनी 35 वर्षीया अनीता ( बदला हुआ नाम ) बताती हैं डॉ सोनी का बहुत ही सहयोग रहा। वह हमेशा देखने के लिए आती ही थीं, साथ में पोषण के लिए सामान भी देती थीं। उनका तथा हमारे गांव की आशा कार्यकर्ता रीता का सहयोग नहीं मिलता तो शायद इतनी जल्‍दी क्षयमुक्‍त नहीं हो पातीं। 

पहली बार गोद लिए गए थे 131 बाल क्षय रोगी 

जिले में राज्‍यपाल आनन्‍दी बेन पटेल के आह्वान पर पहली बार 24 अगस्‍त 2019 में 131 बाल क्षय रोगियों को गोद लिया गया था। इन क्षय रोगियों को रोटरी क्‍लब व रेडक्रास सोसायटी ने गोद लिया था। यह सभी बाल क्षय रोगी 19 साल से कम आयु के थे और क्षयमुक्‍त हो चुके हैं। 

2455 क्षय रोगियों की चल रहा है इलाज 

राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के जिला कार्यक्रम समन्‍वयक अमित आनन्‍द ने बताया कि जिले में वर्तमान में 2455 क्षय रोगियों का इलाज चल रहा है। इनमें से 157 एमडीआर ( मास ड्रग रजिस्‍टेंस ) टीबी के मरीज है।  इन सभी रोगियों का इलाज चल रहा है तथा उनको 500 रुपये प्रति माह की दर से निक्षय पोषण भत्‍ता भी दिया जा रहा है। 

यह हैं क्षय रोग के लक्षण

जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि यदि किसी व्यक्ति को दो सप्ताह से अधिक समय तक खांसी रहे , बुखार रहता हो तथा बुखार शाम को बढ़ जाता हो, सीने में दर्द हो, खांसी के साथ खून आए, भूख न लगे और वजन घटता हो यह टीबी के लक्षण हैं। यदि किसी भी व्यक्ति के अन्दर क्षय रोग के यह लक्षण दिखाइ दें तो उनकी जांच कराएं। 

मरीजों के इलाज के लिए यह हैं सुविधाएं

जिले की आबादी कुल 20 लाख है। नौ ब्लॉक में कुल 8 टीबी यूनिट है। साथ ही बेलहर कला व मगहर में दो टीबी यूनिट बन रही है। 17 माइक्रोस्कोपिक सेंटर है। दो लेड माइक्रोस्कोप है, एक सीबीनॉट व चार ट्रूनाट मशीन हैं। एक डीडीआरटीबी सेंटर है, जिसमें चार बेड हैं। क्षय रोगियों को सारी सुविधाएं मुफ्त मिलती हैं। 


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