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मातृ व शिशु मृत्यु दर को कम करने में गर्भ निरोधक की भूमिका महत्वपूर्ण

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−   परिवार नियोजन में परामर्श के महत्व संबंधित एएनएम की हुयी ट्रेनिंग
−   क्विज, प्रश्नोत्तरी व अन्य माध्यमों के जरिए दिया गया बेहतर प्रशिक्षण

संतकबीरनगर।जिला अस्पताल के वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ विजय गुप्ता ने बताया कि मातृ व शिशु मृत्यु दर को कम करने में गर्भ निरोधकों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। यह आवश्यक है कि गर्भ निरोधक के प्रयोग के संबंध में महिला को उचित परामर्श दिया जाय। अगर किसी महिला का बेहतर तरीके से परामर्श किया जाय तो वह गर्भ निरोधक के प्रयोग के लिए सहर्ष तैयार हो जाएगी।

यह बातें उन्होने जिला अस्पताल के हौसला प्रशिक्षण केन्द्र में परिवार नियोजन में परामर्श के महत्व संबंधित एएनएम के प्रशिक्षण कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कही। उन्होने बताया कि गर्भावस्था का सही समय तथा बच्चों में उचित अंतराल का बहुत ही महत्व होता है। यह जरुरी है कि हम इस बात को महिला को समझाएं। कम उम्र में गर्भावस्था तथा बच्चों में अन्तर कम होने से महिला रक्त अल्पता के साथ ही उच्च जोखिम प्रसव की भी शिकार हो सकती है। एनीमिया के चलते गर्भवती को मौत का भी खतरा होता है।

इस दौरान परिवार नियोजन के लाजिस्टिक मैनेजर इम्तियाज अहमद ने बताया कि जनपद में के सीएमएसडी (केन्द्रीय ड्रग स्टोर )  से आनलाइन इंडेन्ट बनाकर गर्भ निरोधक प्राप्त किए जा सकते हैं। आशा कार्यकर्ता से लेकर एएनएम तथा सीएचसी, पीएचसी व जिला अस्पताल को ये सारी चीजे आनलाइन इंडेंट के आधार पर ही मिलती हैं। इसलिए हर माह लाजिस्टिक के बारे में जरुर इंडेट भरें व इसमें से सामान का प्रयोग होने के बाद इसे खारिज भी कर दें। इस अवसर पर क्विज व प्रश्नोत्तरी का भी आयोजन किया गया, जिसमें एएनएम ने एक दूसरे से परस्पर टोलियों में संवाद किया तथा प्रतियोगिता में भाग लिया।

एएनएम सरिता गुप्ता ने बताया कि इस प्रशिक्षण से हम लोगों को बेहतर जानकारियां प्राप्त हुइ हैं। परामर्श के जो तरीके बताए गए हैं उनका हम उपयोग करके कार्यदक्षता को बढ़ाएंगे। एएनएम निर्मला ने बताया कि क्विज व प्रश्नोत्तरी के जरिए हमें विविध गर्भ निरोधकों की गतिविधियों के बारे में जानकारी प्राप्त हुयी है।

लाभार्थी व प्रेरक दोनों को प्रोत्साहन राशि

लाजिस्टिक मैनेजर ने बताया कि ‘अंतरा’ एक गर्भ निरोधक इंजेक्शन है जिसे एक या दो बच्चों के बाद गर्भ में अंतर रखने के लिए दिया जाता है। इस तरह साल में चार इंजेक्शन दिया जाता है। ‘छाया’ गर्भ निरोधक टेबलेट है जिसका सेवन हर चार दिन में करना होता है। साथ ही एक महीने तक यह टेबलेट खानी होती है। साथ ही सरकार द्वारा अंतरा इंजेक्शन लगवाने पर लाभार्थी को 100 रुपये एवं प्रेरक को भी 100 रुपये दिए जाने का प्रावधान किया गया है।

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