बांसगांव – गोरखपुर। गोरखपुर जिले के बांसगांव क्षेत्र के ग्राम तियर में कर्बला की जमीन पर जल-कल की पानी टंकी को बनने से रोकने सैकड़ों की संख्या में लोग पहुँच गए। भारत सरकार के जल जीवन मिशन के अंतर्गत बन रहे ग्राम सभा तीयर में पानी की टंकी के लिए जिस जगह को चुना गया वो कर्बला की जमीन निकली। जहाँ 100 सालों से भी अधिक वषों से मोहर्रम की तहजिया को दफनाया जाता रहा हैं। इसी कारण जब जल कल विभाग द्वारा उस जमीन पर पानी की टंकी बनाने की तैयारी के लिए जेसीबी मशीन से खुदाई शुरू हुई तो वहाँ 5 से ज्यादा गाँव के मुस्लिम समुदाय के लोग वहाँ इकट्ठा हो गए और जल-कल विभाग के लोगों को अपना कार्य रोकना पड़ा।जब तक लड़ सकेंगे कर्बला के जमीन के लिए लड़ेंगे ग्रामीणों ने कर्बला की जमीन पर बन रहे जलकल विभाग के पानी की टंकी को रुकवा दिया और कहा कि इस जमीन पर हमने अपने पूर्वजों को दफनाया है और 100 साल से भी ज्यादा से हम लोग मोहर्रम की ताजिया को दफन करते आ रहे हैं। हम अपनी कर्बला की जमीन में जलकल विभाग की टंकी नहीं बनने देंगे।हम टंकी बनने का विरोध नहीं कर रहे हैं, हम बस इस जमीन पर टंकी बनाने के खिलाफ है। और भी जमीन इस गांव में बंजर और भीता के नाम पर दर्ज है। अगर पानी की टंकी वहां बना दिया जाए तो लोगों को भी आसानी होगी और सभी का फायदा होगा।एक ग्रामीण ने कहा कि ग्राम प्रधान ने खुद ग्राम पंचायत की 43 डिसमिल की जमीन जो कि गांव से एकदम सटे हुए है।अपने कब्जे में रखी है अगर इसी जमीन में पानी की टंकी बनवा दिया जाए तो गांव के पास पानी की टंकी भी हो जाएगी और लोगों को सुविधा भी होगी।बतादें कि भारत सरकार के जल जीवन मिशन के अंतर्गत हर ग्राम पंचायत में एक पानी की टंकी बनवाना है जिसके लिए ग्राम प्रधान व लेखपाल को जमीन देनी है । उसी के कारण ग्राम सभा पियर में ग्राम प्रधान व लेखपाल द्वारा एक जमीन को चिन्हित किया गया लेकिन जब काम शुरू हुआ तो आसपास के गांव के मुस्लिम समुदाय के लोग वहां पहुंच गया और काम को रुकवा दिया।कर्बला की है जमीन, मेरे पूर्वजों की कब्र भी हैलोगों से बातचीत करने के दौरान पता चला कि यहां कई सालों से मोहर्रम की ताजिया को दफन किया जा रहा है जहां ग्रामसभा तीयर, पकड़ी, कनईचा, टेंगरी व आसपास के सभी मुस्लिम लोग इसी जगह पर सालों से अपनी मोहर्रम की ताजिया को दफन करते आ रहे हैं।ग्राम प्रधान ने झाड़ा अपना पल्लाजब इस बारे में ग्राम सभा तीयर के प्रधान प्रतिनिधि बालेंद्र सिंह से बातचीत की गई तो वह अपना पल्ला झाड़ते हुए दिखे उन्होंने कहा कि मैं मौके पर नहीं पहुंच सकता क्योंकि मैं घर पर नहीं हूं और मुझे पानी की टंकी के बारे में कुछ भी नहीं पता है। और कहा कि मुस्लिम समुदाय के पास कर्बला का कोई कागज है तो वह जिलाधिकारी या उप जिला अधिकारी से मिलकर इस बात को रखें मुझे कुछ पता नहीं है।वहीं अन्य गांव के प्रधान भी कर्बला के पक्ष में दिखे वहीं महूजा के ग्राम प्रधान प्रतिनिधि विपिन राय ने मौके पर पहुंचे और उन्होंने ही जलकल विभाग के लोगों से बातचीत करते हुए कहा कि आप फिर से जगहों को चिन्हित करें क्योंकि यह जमीन बरसों से कर्बला के नाम से जानी जाती है और यहां पर कई सालों से मोहर्रम की ताजिया को दफन किया जा रहा है। और कई मुस्लिम लोगों का यहां कब्र भी है।
कर्बला और कब्रिस्तान की जमीन पर पानी की टँकी बनने से ग्रामीणों ने रोका

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