Saaf Sandesh News

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 मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने आयोग को वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट एवं निर्धारित तिथि तक निर्वाचन व्यय विवरणी न देने वाले पंजीकृत राजनैतिक दलों की सुनवाई की, जिसमें 30 में से 16 पंजीकृत राजनैतिक दलों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

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उत्तर प्रदेश के पते पर पंजीकृत 127 राजनैतिक दलों को वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट, निर्वाचन व्यय विवरणी न देने पर जारी हुआ था कारण बताओ नोटिस।

 

दिनांक 07 अक्टूबर को अवकाश होने से 08 अक्टूबर को 45 एवं 09 अक्टूबर को 52 राजनैतिक दलों की सुनवाई होगी।

 

संत कबीर नगर । उत्तर प्रदेश के  मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने प्रदेश के पते पर पंजीकृत ऐसे राजनैतिक दल जो विगत 06 वर्षों में आयोजित लोक सभा एवं विधान सभा चुनाव में प्रतिभाग करने के बाद निर्धारित तिथि तक अपनी अंशदान रिपोर्ट, वार्षिक लेखा परीक्षण (ऑडिट) रिपोर्ट एवं निर्वाचन व्यय विवरणी आयोग को प्रस्तुत नहीं किया था, ऐसे दलों की आज उन्होंने अपने कार्यालय कक्ष में सुनवाई की।

उन्होंने प्रत्येक दल द्वारा प्रस्तुत किए गए अंशदान रिपोर्ट,वार्षिक लेखा परीक्षण (ऑडिट) रिपोर्ट एवं निर्वाचन व्यय विवरणी जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेजों का गहन परीक्षण किया और सभी दलों के मोबाइल नंबर, पंजीकरण संख्या, वर्तमान पता व ई-मेल की भी जांच की।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा प्रदेश के पते पर पंजीकृत ऐसे 127 राजनैतिक दलों को कारण बताओं नोटिस जारी किया गया था, जिन्होंने प्रदेश में वर्ष 2019 से अब तक विगत 06 वर्षों में आयोजित लोक सभा एवं विधान सभा चुनाव में प्रतिभाग करने के बाद भी विगत तीन वित्तीय वर्षों से अपनी वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट एवं निर्वाचन व्यय विवरणी निर्धारित समय सीमा तक प्रस्तुत नहीं किया था। इन दलों को अपना निर्वाचन व्यय विवरणी, शपथपत्र, वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट एवं अन्य आवश्यक अभिलेखों के साथ सुनवाई के दौरान मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय में उपस्थित होने के निर्देश दिए गए थे।

सुनवाई के दौरान इन सभी 16 राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी के सम्मुख उपस्थित होकर अपना पक्ष रखा और अपने दल के तीन वर्षों 2021-22, 22-23 व 23- 24 की वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट और निर्वाचन व्यय विवरणी प्रस्तुत किया।

सुनवाई के दौरान मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि चुनाव में प्रतिभाग करने वाले प्रत्येक राजनैतिक दल को प्रतिवर्ष 30 सितम्बर तक अपनी अंशदान रिपोर्ट तथा 31अक्टूबर तक अपने आय-व्यय की ऑडिट रिपोर्ट देना अनिवार्य है। इसी प्रकार लोकसभा चुनाव के बाद 90 दिनों में तथा विधानसभा चुनाव के बाद 75 दिनों में अपने आय व्यय का ब्योरा भी सभी दलों को देना होता है। प्रत्येक दल को चंदे के रूप में प्राप्त 20 हजार रुपए से अधिक के अंशदान की रिपोर्ट भी देनी है। इसी प्रकार लोक सभा एवं विधान सभा चुनाव लड़ने वाले प्रत्येक प्रत्याशी को भी अपने आय-व्यय के खर्चों का विवरण निर्वाचन समाप्त होने के बाद 30 दिनों में देना है।

उन्होंने कहा कि सभी दलों के प्रतिनिधियों को अपनी पार्टी का ईमेल, मोबाइल नंबर तथा वर्तमान पता को अपडेट रखना होगा, जिससे समय समय पर आयोग के निर्देशों एवं अन्य तथ्यों व नियमों की जानकारी को उपलब्ध कराया जा सके। उन्होंने अधिकारियों को भी सभी दलों के वर्तमान पते का सत्यापन कराने के भी निर्देश दिए।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा 06 अक्टूबर सोमवार को 30 राजनैतिक दलों को सुनवाई के लिए बुलाया गया था, जिसमें से 16 राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों ने प्रतिभाग किया। 07 अक्टूबर को अवकाश होने से इस दिन जिन 30 दलों की सुनवाई होनी थी वह अब 08 एवं 09 अक्टूबर को होगी। इस प्रकार अब 08 अक्टूबर को 30 के वजाय 45 एवं 09 अक्टूबर को 37 के वजाय 52 राजनैतिक दलों की सुनवाई होगी।

सोमवार की सुनवाई में आदर्श समाज पार्टी-आगरा, भारतीय सुहेलदेव जनता पार्टी-बलिया, आम जनता पार्टी- बस्ती, अपना दल बलिहारी पार्टी- बस्ती, आम जनता पार्टी (इंडिया)- गोण्डा , आधुनिक भारत पार्टी-कानपुर नगर, बहुजन पार्टी-कानपुर नगर, एक्शन पार्टी-खीरी, अपना दल यूनाइटेड पार्टी-कुशीनगर, अभय समाज पार्टी-महराजगंज, भारतीय हरित पार्टी-मुजफ्फरनगर, अम्बेडकर युग पार्टी-प्रयागराज, बहुजन आवाम पार्टी-प्रयागराज, अपना देश पार्टी- सुल्तारनपुर, अंजान आदमी पार्टी-प्रयागराज एवं आजाद भारत पार्टी(डेमोक्रेटिक)-कानपुर नगर जिले में पंजीकृत राजनैतिक दलों के पदाधिकारियों ने प्रतिभाग किया।

 

 

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