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छह माह तक सिर्फ स्तनपान कराएं, शिशु को सेहतमंद बनाएं

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नियमित टीकाकरण कराएं और बीमारी से बचाएं

नवजात शिशु देखभाल के टिप्स देने में जुटीं आशा व संगिनी

कुशीनगर।नवजात शिशु देखभाल सप्ताह के दौरान आशा संगिनी पूनम भारती ने प्रसूताओं को नवजात शिशुओं के उचित देखभाल का तरीका बताया। उन्होंने लोगों को कोविड सहित नियमित टीकाकरण का महत्व बताकर टीकाकरण के लिए भी प्रेरित किया।
पूनम ने बताया कि नवजात शिशु देखभाल सप्ताह के तहत वह ग्राम पिपरा कनक ( हसनपुरा) पहुंचीं । पता चला कि गांव की एक महिला ने आपरेशन से बच्चे को जन्म दिया है। वह अपने बच्चे को ऊपरी दूध (डिब्बे दूध)पिलाती है। जिससे उसका बच्चा बीमार रहता है।
सूचना पर प्रसूता के घर पहुंची। सारी जानकारी ली। सबसे पहले डिब्बे का दूध बंद कराया। साफ-सफाई के साथ स्तनपान के फायदे के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने प्रसूता से कहा कि वह अपने बच्चे को छह माह तक सिर्फ और सिर्फ स्तनपान कराएं। समय-समय पर आवश्यक टीके भी लगवाएं। सही तरीके से देखभाल करके बच्चे को कुपोषण से बचाया जा सकता है। टीका लगने से बच्चे कई बीमारियों से बच जाते हैं। संगिनी ने बताया कि प्रसूता और उसकी भाभी स्तनपान की सलाह को मान गईं तथा स्तनपान कराना शुरू कर दिया।
इसी दौरान वह उसी गांव की अंबेया खातून के घर भी पहुँची। उसको भी स्तनपान का महत्व बताया। उसे भी टीके का महत्व बताकर विभिन्न बीमारियों से बच्चे को बचाने के लिए समय- समय पर सभी आवश्यक टीके लगवाते रहने की सलाह दी।
उन्होंने गांव की गर्भवतियों से संपर्क कर प्रसव सरकारी अस्पताल में ही कराने के लिए प्रेरित किया। प्रसव के बाद 48 घंटे तक अस्पताल में ही रूकने की सलाह दी। इससे अस्पताल में नवजात की उचित देखभाल होती है।
गृह भ्रमण के दौरान संगिनी पूनम भारती ने 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग की सभी महिलाओं और पुरुषों को कोविड टीकाकरण कराने के लिए कहा। यह भी कहा कि जो लोग पहली डोज लगवा चुके हैं, वह दूसरी डोज भी जरूर लगवा लें। कोरोना से बचने के लिए दोनों डोज लगवाना बहुत जरूरी है।


एसआरएस-2019की रिपोर्ट:
शिशु मृत्यु दर प्रति 1000 पर 41( उत्तर प्रदेश) है, जबकि
राष्ट्रीय स्तर पर प्रति 1000 पर 32 है। इनमें से तीन चौथाई शिशुओं की मृत्यु प्रथम माह में ही हो जाती है। जन सामान्य को नवजात शिशु स्वास्थ्य के विषय में जागरूकता लाने के लिए विभिन्न गतिविधियाँ आयोजित की जाती हैं।

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