सुजौली, बहराइच | हिंदू नव वर्ष और प्रतिपदा उत्सव राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वारा परंपरागत तरीके से मनाया गया। सुजौली के रमपुरवा में इस अवसर पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान स्वयंसेवकों के द्वारा पथ संचलन निकाला गया। विभिन्न क्षेत्रों के स्वयं सेवकों की भागीदारी इस आयोजन में दर्ज हुई। भगवान राम के राज्याभिषेक, विक्रम संवत की शुरुआत और हिंदू नव वर्ष के उपलक्ष में यह उत्सव आयोजित किया गया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वारा सुजौली थाना क्षेत्र में सुबह 7 बजे से आयोजित इस कार्यक्रम में सुजौली थानाक्षेत्र के स्वयंसेवक शामिल हुए। दंड योग और शारीरिक अभ्यास के बाद समय माता मंदिर के मैदान से पथ संचलन निकाला गया। बडखड़िया मुख्य मार्ग से होते हुए चफरिया के बाद रमपुरवा के आयोजन स्थल पर इसका समापन हुआ।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व अध्यापक व खंड संचालक गिरिजापति त्रिपाठी ने सामाजिक और धार्मिक जागरण के क्षेत्र में व्यापक कार्य करने की आवश्यकता जताई। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता आर एस एस के अभिषेक राणा ने अपनी बात रखते हुए हिंदू नव वर्ष के परिपेक्ष से जुड़े तथ्यों को स्पष्ट किया और इस पर रोशनी डाली। उनके द्वारा भगवा ध्वज और इसके प्रतीको को परिभाषित किया गया। कहा गया कि सनातन परंपरा का प्रतीक भगवाध्वज है। पूजा-अर्चना में की जाने वाली आरती की लौ और उदित होते सूर्य की लालिमा लगभग एक जैसी होती है। इनके रंगों में समानता है।कोई इन्हें कैसे रोक सकता है। यह हमारी प्राचीन परंपरा का हिस्सा है और इसके साथ कई वैज्ञानिक आधार भी जुड़े हुए है। सहखंड कार्यवाह किशन साहनी ने राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की पंक्तियों को उद्धृत करते हुए बताया कि वास्तव में नववर्ष पर क्या कुछ परिवर्तन होते हैं। उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वारा किए जा रहे कार्यों पर बात रखी और कहां की आज के दिन हमें खास संकल्प लेने होंगे बाकी अपने लक्ष्य को पूरा किया जा सके।कार्यक्रम में खंड संचालक गिरिजापति त्रिपाठी,सहखंड कार्यवाह किशन साहनी,योगेश चंद्र द्विवेदी,मदन लाल यादव,प्रमोद आर्य,दुर्गा प्रसाद पाठक,लाल बहादुर,राजकुमार सिंह ,राजकुमार वर्मा के साथ क्षेत्रीय ग्रामीण सहित स्वयं सेवक उपस्थित रहे
हिंदू नव वर्ष पर आयोजन, मुख्य वक्ता बोले-कोई रोक सकता है सूर्य की लालिमा

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