महराजगंज।उत्तर प्रदेश में हो रहे विधानसभा चुनाव में जनपद महराजगंज के लगभग सभी प्रशासनिक अफसरों की चुनावी व्यस्तता को देखते हुए खनन माफियाओं द्वारा बालू के कारोबार को धड़ल्ले से तस्करी की जा रही है।सोचने वाली बात तो यह है कि जनपद के सदर तहसील क्षेत्र के रोहिन नदी के चेहरी गांव की सीमा में जिस स्थान पर बालू खनन का पट्टा दिया है उसके इतर दूसरी जगह सोहगीबरवा सेंक्चुरी के वन भूमि व कुछ कास्तकारों के खेत से बालू की अवैध निकासी कराई जा रही है । इससे बाढ़ के समय तबाही मच सकती है । क्योंकि जहां से बालू की निकासी हो रही है उधर नदी की धारा मुड़ने की प्रबल आशंका बन जाती है । बालू खनन के लिए जिला प्रशासन ने तीन जगह का पट्टा दिया है । इसमें नौतनवा क्षेत्र में पांच साल का पट्टा है । सदर क्षेत्र के जंगल दुधई उर्फ चेहरी व निचलौल क्षेत्र में तीन तीन महीने का परमिट जारी किया गया है । मौजूदा समय में परमिट की आड़ में सबसे अधिक अवैध बालू खनन की शिकायत सदर तहसील क्षेत्र के जंगल दुधई उर्फ चेहरी में आ रही है । बताया जा रहा है कि रोहिन नदी से बालू निकालने के लिए जिस स्थान के लिए प्रशासन ने पट्टा जारी किया है , वहां से बालू निकासी नहीं कराकर दूसरे जगह से बालू की निकासी कराई जा रही है जहां का परमिट जारी नहीं किया है । अवैध बालू खनन से सरकार को राजस्व की भी क्षति हो रही है । अन्य जगहों पर भी पट्टा वाली जगह के अलावा खनन कार्य कर प्रशाशन की आंख में धूल झोंका जा रहा है।मिली जानकारी के अनुसार जंगल दुधई उर्फ चेहरी में बालू के अवैध खनन की शिकायत प्रशासनिक अफसरों के अलावा खनन विभाग के इंस्पेक्टर को भी मिली थी । जिसकी साधारण ढंग से जांच कराकर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है ।जिसका असर है कि बालू खनन माफियाओं के हौसले बुलंद हैं।आरोप यह भी है कि जिम्मेदारों की मिलीभगत से बालू का अवैध खनन कराया जा रहा है । इसी वजह से प्रभावी कार्रवाई नहीं हो पा रही है ।आपको बताते चलें कि रेंजर ने डीएफओ को लिखा पत्र इस मामले में पकड़ी रेंज के वन क्षेत्राधिकारी ने डीएफओ को पत्र भेजा है,बताया जाता है कि जंगल दुधई उर्फ चेहरी में खनन के लिए परमिट वाले स्थान से दूर वन विभाग की वन भूमि व अन्य ग्रामीणों की जमीन से बालू का अवैध खनन किया जा रहा है । जांच करने पर कारोबारी अपने ट्रैक्टर – ट्राली को दूसरी जगह खड़ी कर दे रहे हैं । शिकायत पर वे झगड़े पर उतारू हो जा रहे हैं । इस मामले में वन विभाग के एसडीओ राकेश चंद्र यादव ने बताया कि मामला संज्ञान में है । यह जांच करायी जा रही है कि बालू का खनन वन क्षेत्र की भूमि में तो नहीं किया जा रहा है । अगर वन भूमि में खनन होगा तो जिला प्रशासन को पत्र भेज पूरी घटना की जानकारी दी जाएगी । इस मामले में एसडीएम सदर साईं तेजा सीलम का कहना है कि कुछ दिन पहले कुछ लोगों द्वारा शिकायत मिली थी।जिम्मेदार अधिकारियों से जांच करवाई जा रही है।जो भी दोषी पाया जाता है तो उस पर कड़ी कार्यवाही की जायेगी।परंतु सवाल यह भी उठता है कि आखिर जांच कब तक और कैसे कोई भी जिम्मेदार सही तरीके से कुछ बोलने को तैयार नहीं।
बालू खनन माफियाओं द्वारा की जा रही बालू की धडल्ले से तस्करी, जिम्मेदार मौन

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