Saaf Sandesh News

Hindi News, हिन्दी न्यूज़, Latest News In Hindi, Breaking News,Saaf Sandesh,Saaf Sanesh News, Headlines Today (हिंदी समाचार)

संगीतमय श्रीमद् भागवत महापुराण कथा का दूसरा दिन

Spread the love

बांसगांव – गोरखपुर । बांसगांव क्षेत्र के माल्हनपार स्थित बैरीहवा गांव में पंडित महेंद्र राम घुरहू तिवारी मेमोरियल ट्रस्ट एवं ऋषि सेवा समिति माल्हनपार द्वारा आयोजित कथा के क्रम में काशी से पधारे अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वक्ता श्री विद्या सिद्ध संत ज्योतिष सम्राट पूज्य राघव ऋषि जी ने दिव्य रहस्य उद्घाटित करते हुए बताया मनुष्य को अपने मन के अनुकूल नहीं बल्कि अंतरात्मा के द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार जीवन को आगे बढ़ाना चाहिए । मन नित्य ही निर्णय बदलता है किंतु अंतरात्मा के द्वारा प्राप्त निर्णय ही जीवन को सफल बनाता है मनुष्य का जीवन भक्ति के लिए परमात्मा की शरण में बैठने के लिए ही मिला है। मनुष्य का एक ही लक्ष्य होना चाहिए प्रभु की भक्ति को करते हुए अपने संपूर्ण जीवन को प्रभु में बना ले ऐसा दिव्य उद्बोधन कथा के क्रम में पूज्यश्री ने भक्तों श्रद्धालुओं को श्रवण कराया। कथा के क्रम में राजा परीक्षित को 7 दिनों में ही मुक्ति का मार्ग प्रशस्त करने के लिए शुकदेव जी का आगमन हुआ जो साक्षात नारायण के स्वरूप जिनकी दिव्य आभा कांति शोभायमान हो रही है ऐसे प्रभु के परम भक्त स्वरूप ने राजा परीक्षित को 7 दिनों में ही मोक्ष का मार्ग श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान के रूप में श्रवण कराना प्रारंभ किया। भागवत पुराण इस लोक से मनुष्य के समस्त पाप ताप को नष्ट करने वाली है व प्रभु के पावन धाम को प्रदान करने वाली है। कथा क्रम में पूज्यश्री ने ध्रुव जी के पावन प्रसंग का वर्णन करते हुए बताया जिसका सत्य संकल्प एक निश्चय अटल है ।ध्रुव पिता के प्रेम की कमी को देख ध्रुव जी अपनी माता के वचन को मानकर वन की ओर निकल पड़े। एकमात्र परमात्मा ही जीव के सच्चे हितेषी है ऐसा मानकर उन्होंने वन में ही परमात्मा को पाने के लिए घोर तपस्या आरंभ की। जिसके फल स्वरूप प्रभु नारायण के अमोघ मंत्र का पुण्य लाभ भक्तों में श्रेष्ठ नारद जी के श्री मुख से प्राप्त भगवान नारायण का पावन मंत्र ओम नमो भगवते वासुदेवाय का दिव्य दान नारद जी ने ध्रुव जी को करा कर भक्ति की ओर व भगवान का सानिध्य मिले ऐसा भक्ति पूर्ण ज्ञान देकर उन्हें भक्ति की ओर अग्रसर किया। आत्मा के दिव्य नाम का आश्रय लेकर ध्रुव जी ने अपनी आराधना को और भी प्रखर किया जिसके फल स्वरुप भगवान नारायण साक्षात ध्रुव जी की साधना आराधना तपस्या को देख अत्यंत प्रसन्न हुए और उन्हें वर मांगने के लिए कहा साथ ही गुरुजी से अत्यंत प्रसन्न रहो उन्हें ध्रुव लोक का राज्य देकर उनका मान बढ़ाया। भक्त जब भगवान का आश्रय लेकर आगे बढ़े तो हर पल हर पग पर परमात्मा उसके सहायक होते हैं। कथा की आरती के अवसर पर मुख्य यजमान उपेंद्र तिवारी, रेवती रमण जायसवाल, दीपक राय समाजसेवी नितेश शुक्ला विनय पाठक सुरेंद्र जयसवाल, विनय पाठक सूर्यमणि तिवारी डॉक्टर श्रीनिवास पांडे सहित तमाम भक्त श्रोता व गणमान्य श्रद्धालु सहित भागवत जी की भव्य आरती कर पुण्य लाभ प्राप्त किया।

[horizontal_news]
Right Menu Icon