महाभारत काल के बाद पूर्वोत्तर भारत मे पहली बार सम्पन्न होगा सोमयज्ञ

सिद्धार्थनगर। महाभारत काल के बाद पूर्वोत्तर भारत मे पहली बार सोमयज्ञ जनपद के शोहरतगढ़ में 22 जनवरी 2022 को प्रारम्भ होगी जिसकी पूर्णहूति 06 फरवरी को होगी उक्त यज्ञ के सम्बंध में जानकारी जनपद मुख्यालय के श्री सिंघेश्वरी मंदिर पर एक प्रेस वार्ता में दी गई । प्रेस वार्ता में यज्ञ के बारे में बताते हुए पंडित अरविंद कुमार पांडेय राष्ट्रीय अध्य्क्ष वैदिक सनातन धर्मसभा ने बताया कि विद्वानों की नगरी कहि जाने वाली काशी में ये यज्ञ न होकर भगवान बुद्ध की धरती पर हो रही है ,जो अपने मे बहुत बड़ी बात है । यह यज्ञ जनपद के शोहरतगढ़ तहसील के परिगंवा ग्राम में आयोजित की जाएगी
पत्रकारों के पूछे गए सवाल यज्ञ और हवन में अंतर समझाते हुए उन्होंने कहा कि जो लोग बैठकर हवन सामग्री के साथ स्वाहा करते है वो हवन होता है लेकिन लोग इसको यज्ञ की श्रेणी में रखते है यज्ञ का मतलब खड़े होकर बसठ कार कहा जाता है इस यज्ञ के होने का मतलब है कि जिस जगह यज्ञ हो रहा है वहाँ या तो भगवान की उत्पत्ति हो गई है या होने वाली है रामायण और कृष्ण लीला में जब भगवान राम को बनबास हुआ तो भगवान राम वहाँ गए जहाँ सोमयज्ञ हुआ था इसी तरह भगवान कृष्ण भी गौ चराने के लिए जंगलों में जाते थे और उस जगह पर जहाँ ये यज्ञ हुआ।
इस अवसर पर श्री सिंघेस्वरी मंदिर संचालक दिव्यांशु महाराज के साथ सन्त एव अन्य लोग उपस्थित रहे ।
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