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नही रहे दादाजी के नाम विख्यात सांसद रामनगीना मिश्र

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रिपोर्टर/अमित मिश्रा

कुशीनगर। छः बार सांसद एवं एक बार विधायक रह चुके पंडित रामनगीना मिश्र का 93 वर्ष की उम्र में उनके लखनऊ स्थित आवास पर गुरुवार की सुबह निधन हो गया।श्री मिश्र वर्ष1972 से 75 तक जिले की सेवरही विधानसभा से उपचुनाव में जीत कर विधानसभा सदस्य रहे एवं सातवीं वी तथा आठवी वी लोकसभा कार्यकाल में देवरिया जनपद की सलेमपुर सीट से सांसद रहे। दसवी वी 11वी 12वी तथा 13वी लोकसभा में लगातार कुशीनगर की पडरौना सीट से निर्वाचित होते रहे। श्री मिश्र अत्यंत ही जुझारू प्रवृत्ति के नेता थे। किसानों की आवाज सदन में प्रमुखता से उठाना उनकी पहचान बन गई थी।

राम मंदिर के लिए छोडी थी कांग्रेस

  • लोकसभा सीट से वर्ष 1991 में भाजपा के टिकट पर सांसद चुने गए प. रामनगीना मिश्रा वह शख्स थे जिन्होंने वर्ष 1989 में सलेमपुर से कांग्रेस का सांसद रहते हुए भी लोकसभा में राम मंदिर के लिए प्रस्ताव रखा था। सांसद सहाबुद्दीन ने इस पर आपत्ति जताई तो रामनगीना मिश्रा अयोध्या गए और वहां से साक्ष्य जुटाकर दुबारा सदन में रखा। बाद में इसी मुद्दे पर राजीव गांधी से टकराव के चलते लोकसभा की सदस्यता व कांग्रेस दोनो छोड़ कर सियासी भूचाल ला दिया था। कांग्रेस नेता लोकपति त्रिपाठी के सगे रिश्तेदार होने के साथ-साथ नारायण दत्त तिवारी व जितेंद्र प्रसाद से घनिष्ठता के बावजूद कांग्रेस का टिकट तक ठुकरा दिया और अशोक सिंघल के साथ संघ दफ्तर पहुंचकर भाजपा में आए गए। वर्ष 1991 से लेकर 2004 तक पडरौना से भाजपा के सांसद रहे रामनगीना मिश्रा का कहना है कि अंतिम वक्त में मन की सबसे बड़ी इच्छा पूरा होना बेहद खास है।
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