पहले कब्जा दखल करवाया फिर बिना किसी आदेश के नवनिर्मित दिवार व कटरैन पर चलवाया बुलडोजर
पीड़ित ने डीएम को प्रार्थना पत्र सौंप लगाया न्याय की गुहार
रिपोर्ट – अनीश पाण्डेय
कुशीनगर | राजस्व निरीक्षक द्वारा एक ही सप्ताह में दो बार अलग-अलग टीम बनाकर बिना किसी उच्चाधिकारी के आदेश के एक जमीन पर दो बार नापी करने का मामला प्रकाश में आया है। पहली बार में बैनामेदार को कब्जा करवाया गया और दूसरी बार नापी के दौरान बिना किसी आदेश के कब्जे पर बुलडोजर चलवा दिया गया। यह तो एक सबसे बड़ा जांच का विषय है कि एक हीं राजस्व निरीक्षक द्वारा कौन सी मजबूरी आ गई एक व्यक्ति को पहले कब्जा दखल कराया फिर दोबारा उसी पर बुलडोजर चलाया गया। राजस्व निरीक्षक की इस कृत्य से आहत पीड़ित ने जिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र सौंपकर न्याय की गुहार लगाई है।बताते चलें प्राप्त सूचना के अनुसार कप्तानगंज तहसील के लालाछपरा ग्राम सभा में लक्ष्मीगंज बाजार स्थित देवरिया मार्ग से लालाछपरा की तरफ जाने वाली पक्की सड़क पर मुन्नी लाल नाम के व्यक्ति ने बहुत दिन पहले शंकर दास से बैनामा लिया था। उसी आराजी में और लोग भी बैनामा लिए जो मकान बनवा कर रह रहे हैं लेकिन मुन्नी लाल अपने जमीन को अरविन्द कुमार मौर्या जो लालाछपरा के रहने वाले है के हाथ बेच दिए। खबरों के मुताबिक जहां मुन्नी लाल का कब्जा था उसी जगह पर एक व्यक्ति द्वारा नसबंदी का पट्टा होने का दावा किया गया तथा पट्टे की पैमाइस के लिए तहसील में आवेदन दिया गया। जिस पर राजस्व निरीक्षक शिव प्रसाद गुप्ता ने हलका लेखपाल संगम प्रसाद, राहुल सिंह व दिलीप सिंह की संयुक्त टीम बना कर पुलिस बल के साथ 9 नवंबर 2022 को पैमाइस कर अरविन्द कुमार मौर्या को कब्जा दिलाया। अरविन्द कुमार मौर्या कब्जा पाने के बाद उपरोक्त जमीन पर बाउंड्री वॉल करवा कर कटरैन डाल कर ट्रेक्टर टेलर रख दिए।इधर पट्टेदार द्वारा पैमाईस से असंतुष्ट एक बार फिर पैमाइश करवाने हेतु तहसील कप्तानगंज में आवेदन किया जिस पर राजस्व निरीक्षक ने फिर लेखपालों की टीम गठित कर दिनांक 15 नवंबर 2022 को स्वयं नेतृत्व करते हुए विवादित स्थल की पैमाईश कर कब्जे वाली जमीन पर अवैध कब्जा होने की बात कह कर दिवाल को बुलडोजर से गिरवा दिया।एक सवाल के जवाब में अरविन्द कुमार मौर्या ने कहा कि पहली बार जब नापी हुई तो राजस्व निरीक्षक ने कहा कि विवादित जमीन बैनामेदार की है न कि पट्टेदार की बैनामेदार अपना कब्जा दखल कर लें, जबकि दूसरी बार की नापी में अवैध कब्जा बताया। वहीं अरविन्द कुमार ने बताया कि दिवार गिराने के पहले न तो कोई नोटिस दिया गया और न हीं नापी के लिए किसी उच्चाधिकारी का आदेश था। अरविन्द कुमार ने यह भी कहा कि यदि उपरोक्त लोकसेवक द्वारा यहीं रवैया रहा तो मैं न्याय पाने के लिए माननीय न्यायालय का दरवाजा खटखटाऊंगा तथा लोकसेवकों के विरुद्ध वाद भी दाखिल करूंगा। वहीं राजस्व निरीक्षक की इस कृत्य से आहत पीड़ित ने जिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र सौंपकर न्याय की गुहार लगाई है। यहाँ सवाल यह उठता है कि एक हीं लोकसेवक द्वारा एक सप्ताह के अंदर एक हीं नक्शे में दो अलग-अलग नाप कैसे आए। कहीं न कहीं दाल में तो काला है या फिर पूरी दाल ही काली है। ये तो जांच के बाद ही पता चलेगा।
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