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अखिल भारतीय परशुराम वाहिनी ने भगवान श्री परशुराम जयंती पर आयोजित की संगोष्ठी ।

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गोरखपुर। भगवान परशुराम जयंती के अवसर पर अखिल भारतीय परशुराम वाहिनी ने बार एसोसिएशन सिविल कोर्ट गोरखपुर के सभागार मे संगोष्ठी का आयोजन किया ।
संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के रुप में उत्तर प्रदेश बार काउंसिल सदस्य वरिष्ठ अधिवक्ता मधुसूदन तिवारी उपस्थित रहे।
इस दौरान उपस्थित सभी अतिथियों ने भगवान परशुराम की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर भगवान परशुराम की जयघोष के बीच एकता और अखंडता का संदेश दिया।
संगोष्ठी को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि मधुसूदन तिवारी ने बताया कि भगवान परशुराम को न्याय का देवता यूं ही नहीं माना जाता है. उन्होंने अपने जीवन में संसार का संरक्षण करने के लिए शस्त्र एवं शास्त्र की उपयोगिता पर बल दिया था।
बार एसोसिएशन सिविल कोर्ट के मंत्री धीरेंद्र द्विवेदी ने अपने उद्बोधन में अखिल भारतीय परशुराम वाहिनी को इस आयोजन के लिए बधाई देते हुए भविष्य में संगठन को हर संभव मदद के लिए आश्वासन दिया ।
कार्यक्रम परिचय देते हुए अखिल भारतीय परशुराम वाहिनी के अध्यक्ष अभिजीत पाठक ने बताया कि भगवान परशुराम अपने वंशजों के ही नहीं, बल्कि समस्त सनातनी के देवता हैं. उनके जन्मोत्सव को पारंपरिक एवं पावन बनाने के लिए हरसंभव प्रयास किया जाएगा ।
इस दौरान वक्ताओं के क्रम में भजन गायक नंदू मिश्रा, विनोद राय, शिवाजी शुक्ला,विजय पांडेय, पंकज लोचन मिश्रा, अरविंद शुक्ला, महेंद्र मोहन तिवारी, आशुतोष तिवारी, भूपेंद्र धर दुबे, ने अपने अपने विचार से संगोष्ठी को आगे बढ़ाया ।
कार्यक्रम का संचालन अधिवक्ता अंशुमान पाठक ने किया तथा आभार ज्ञापन अखिल भारतीय परशुराम वाहिनी के मंत्री सुमित पांडे ने किया ।
इस दौरान आयोजक मंडल में अरविंद पांडेय,
नारायण दत्त पाठक में परमाणु भट्ठियों विख्यात भट्ट, पुनीत त्रिपाठी, अतुल मिश्रा , अंकित पांडे, प्रतीक त्रिपाठी, सुबोध पांडे आदि लोगों की सहभागिता रही ।
ससुरा वाहिनी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अरविंद पांडे जी ने कहा कि समाज को मजबूत बनाने के लिए ऐसे ही संगोष्ठी यों का आयोजन हम हर वर्ष करेंगे और अपने समाज को जागरूक कर संगठित करने का हर संभव प्रयास करेंगे !!

छात्र नेता नारायण दत्त पाठक ने कहा की यह संगोष्ठी समाज में एकता अखंडता को बनाए रखने के लिए की गई है तथा अपने समाज ब्राह्मण एकता को को मजबूत बनाना है समाज के लोगों में एकता का समन्वय स्थापित किया जा सके!

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