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क्षय विभाग की टीम पहुंचे तो दें सही जानकारी, नहीं छिपाएं कोई लक्षण

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–    क्षय रोगी खोजी अभियान के लिए पूरी हुईं तैयारियां

–    83 टीम 22 मार्च तक खोजेंगी जनपद में क्षय रोगी

संतकबीरनगर।जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ एस डी ओझा ने कहा कि जिले में क्षय रोगी खोजी अभियान का प्रारंभ हो रहा है। क्षय रोग विभाग की टीम जब अभियान के दौरान किसी के भी घर पहुंचे तो उसे परिवार के लोगों के बारे में सही – सही जानका‍री दें। किसी भी सदस्य के अन्‍दर अगर क्षय रोग का कोई भी लक्षण हो तो इसके बारे में टीम से कोई भी बात न छिपाएं। हमारा लक्ष्य वर्ष 2025 तक भारत को क्षय रोग से मुक्‍त करना है। इसमें जनता का सहयोग आवश्‍यक है।

डॉ ओझा ने बताया कि जिले में क्षय रोगी खोजी अभियान नौ से 22 मार्च तक चलेगा। इसके लिए कुल 83 टीम बनाई गयी हैं। हर टीम में तीन सदस्‍य हैं और इनके सहयोग के लिए हर तीन  टीम पर एक सुपरवाइजर लगाया गया है। यही नहीं सहयोगात्‍मक पर्यवेक्षण के लिए भी नौ  वरिष्‍ठ कर्मियों को लगाया गया है। यह हर टीम को आवश्‍यक सहयोग प्रदान करेंगे।

उन्होंने समुदाय से अपील की कि टीम के लोगों से खुद की या फिर अपने परिवार के किसी भी सदस्‍य की कोई भी जानकारी छिपाने का प्रयास न करें। अभियान में जिले के बीस प्रतिशत जनसंख्या यानि लगभग चार लाख लोगों में टी.बी. के लक्षण के आधार पर जांच करायी जाएगी । लक्षण होने पर सर्वे टीम उसी समय व्यक्ति के बलगम का नमूना लेकर जांच के लिए भेजेंगी । रोग की पुष्टि होने पर दो दिन के भीतर व्यक्ति का उपचार शुरू हो जायेगा । यह पूरा अभियान पोलियो अभियान की तरह चलाया जायेगा । इस गतिविधि में यदि व्यक्ति में रोग की पुष्टि होती है तो सर्वे टीम को 600 रुपये की प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी । सफल क्रियान्वयन के लिए पूरे कार्यक्रम की नियमित समीक्षा,पर्यवेक्षण एवं अनुश्रवण भी किया जायेगा ।

क्षय रोग के लक्षण

जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि यदि किसी व्यक्ति को दो सप्ताह से अधिक समय तक खांसी रहे , बुखार रहता हो तथा शाम को बढ़ जाता हो, सीने में दर्द हो, खांसी के साथ खून आए, भूख न लगे, वजन घटता हो यह टीबी के लक्षण हैं। यदि किसी भी व्यक्ति के अन्दर क्षय रोग के यह लक्षण दिखाइ दें तो उसकी जांच कराएं। जनपद में टीबी की जांच के लिए ट्रूनाट व एक सीबीनाट मशीन उपलब्ध है।

शरीर के किसी भी अंग में हो सकता है क्षय रोग

जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि क्षय रोग माइक्रोबैक्टीरिया, ट्यूबरक्लोसिस नामक जीवाणु के संक्रमण के कारण होताहै। यह रोग मुख्यतः फेफड़े में होता है, लेकिन शरीर के अन्य अंगो जैसे दिमाग, हड्डी , ग्रन्थियों व आंत में भी हो सकता है। यह रोग टीबी के रोगी द्वारा खांसने या छींकने, रोगी द्वारा इधर उधर खुली जगह पर बलगम थूकने पर व रोगी के कपड़े, तौलिए, चादर आदि का प्रयोग करने से हो सकताहै।

 मरीजों के इलाज के लिए यह हैं सुविधाएं

राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) के जिला कार्यक्रम समन्‍वयक अमित आनन्‍द ने बताया कि जिले की आबादी कुल 20 लाख है। नौ ब्लाकों में कुल आठ टीबी यूनिट है। साथ ही बेलहर कला व मगहर में दो टीबी यूनिट बन रही है। 17 माइक्रोस्कोपिक सेंटर है। दो लेड माइक्रोस्कोप है, एक सीबीनाट व चार ट्रूनाट मशीन है। एक डीडीआरटीबी सेंटर है जिसमें चार बेड हैं। क्षय रोगियों को सारी सुविधाएं मुफ्त मिलती हैं। वर्तमान में 2492 मरीजों  का इलाज चल रहा है, जिनमें 162 जटिल क्षय रोगी हैं।

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