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बिना भवन मानचित्र के धड़ल्ले से बन रहे मकान, नगर प्रशासन मौन

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रिपोर्ट- धर्मेन्द्र कुशवाहा

खड्डा/कुशीनगर: शहरी इलाकों में भवन निर्माण में हर दिन मानक टूट रहे हैं और स्थानीय नगर प्रशासन कान में तेल डालकर बैठा है, इसकी परवाह न तो अधिकारियों को है और ना ही व्यवस्था को कड़ाई से लागू करने की जिम्मेदारी संभाले नगरीय क्षेत्र को। आलम यह है कि यहां बगैर नक्शा पास कराये ही भवन का निर्माण कार्य हो जाता है। लेकिन ऐसे लोगों पर कोई भी कार्रवाई नहीं रही हैं जिससे अवैध तरीके से मकान बनाने वालों में कानून का कोई भय नहीं है।
नियमों की बात करें तो कोई भी भवन बनाने के पूर्व भवन बनाने वाले व्यक्ति को नगर पंचायत से एनओसी प्राप्त करना होता है। इसके साथ ही भवन निर्माण का नक्शा तथा निर्माण कार्य के बारे में जानकारी दिये जाने का भी प्रावधान है। अलावा इसके प्रत्येक मकान परिसर में दस फीट में ग्रीन एरिया निर्माण, मकान के तीन तरफ तीन फीट जमीन, हवा व रोशनी की व्यवस्था के साथ ही वाटर चार्जेज सिस्टम का पालन करना होता है।
बगैर एनओसी तथा नक्शा के भवनों का निर्माण कराए जाने के कारण नगर क्षेत्र के विकास के समय समस्या पैदा होती है। इन समस्याओं में सड़क, नाली, भवन के लिए हवा व पानी की व्यवस्था आदि शामिल हैं। ताजा मामला नगर पंचायत खड्डा के वार्ड नं 1 (अम्बेडकर नगर वार्ड) का है, जिसमे निर्माण करने वाले लोगों ने बिना भवन मानचित्र को स्वीकृत कराए जाने का मामला प्रकाश में आया है। उक्त वार्ड की सभासद इंदु देवी ने उपजिलाधिकारी खड्डा को दिये गए शिकायती पत्र में उल्लेख किया है कि मेरे द्वारा नगर पंचायत कार्यालय को वार्ड में हो रहे बिना स्वीकृत नक़्शे के निर्माण के बारे जानकारी देने के बाद भी निर्माण कार्य हो रहा है, ऐसे में एस डी एम खड्डा से अनुरोध किया है कि उक्त निर्माण को तत्काल प्रभाव से रोका जाए और दोषियों पर विधि सम्मत कार्यवाही कर उन्हें दण्डित किया जनहित और निकाय हित में होगा। नगर के मनोनीत सभासद मधोक गुप्ता ने बताया कि इन्ही सब मामलों एवं नगर पंचायत में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर 7 दिसम्बर से सुभाष चौक पर धरना प्रदर्शन एवं आमरण अनशन का कार्यक्रम होना है। अब देखने वाली बात यह है कि इस महिला सभासद के शिकायत पर प्रशासन कार्यवाही करता है कि मामले को ठंडे बस्ते के हवाले करता है।

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