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पहले दिया प्रधानमंत्री आवास ! जब शुरु हुआ आवास निर्माण तो धन वापसी की नोटिस भेज लगा दी रोक

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मिहींपुरवा के कुड़वा में 5 आवास लाभार्थियो को मिली नोटिस। मुसीबत में लाभार्थी ।

आवास निर्माण की पहली किश्त से खरीद ली सीमेंट सरिया ईटा आदि सामग्री। अब कैसे वापस करें धन।

जो भी पात्र है आवास निर्माण उनका हक है। भूमि को लेकर कुछ आपत्ति है। तहसील स्तर से लाभार्थियों को पहले भूमि दी जाये फिर बने आवास- रामेंद्र सिंह बीडीओ मिहींपुरवा

मिहींपुरवा/बहराइच- जनपद बहराइच के विकासखण्ड मिहींपुरवा के ग्राम पंचायत कुड़वा में प्रधानमंत्री आवास निर्माण हेतु लाभार्थियों को पहली किश्त जारी की गयी थी। आवास निर्माण का धन मिलते ही लाभार्थी अपने अपने मकान निर्माण हेतु सीमेंट, सरिया ईटा आदि सामग्री खरीद आवास निर्माण में जुट गये। इसी बीच विकास विभाग ने 5 लाभार्थियों को धनवापसी की नोटिस जारी कर उनके आवास नोर्माण पर रोक लगा दी।
सरकारी नोटिस मिलने के बाद इन पांचो लाभार्थियों के होश उड़ गये लाभार्थियों का कहना है कि हम लोगों की आर्थिक स्थिति अत्यंत दयनीय है ऐसे में प्रधानमंत्री आवास स्वीकृति होने के बाद हम लोग बहुत खुश थे जैसे ही हमें 40 हजार रुपये की पहली किश्त मिली वैसे ही हम लोगों ने मकान निर्माण हेतु सामग्री खरीद ली। अब हम लोगों से किश्त की धनराशि वापस करने को कहा जा रहा है। विकास विभाग की ओर से धन वापसी की नोटिस पाये कुड़वा ग्राम के लाभार्थी प्रमोद पुत्र रामलाल, गेंदा पुत्र ननकऊ, हरिश्चन्द्र पुत्र त्रिभुवन, रामलाल पुत्र हरिद्वार , त्रिभुवन पुत्र पुत्ती, मोतीलाल पुत्र फकीरे का कहना है कि आवास निर्माण की प्रथम किश्त के रूप में मिले 40 हजार रुपये सामग्री खरीदने में खर्च हो गए हैं ऐसे में हम धन वापस करें भी तो कैसे करें।
ग्राम प्रधान कुड़वा बलराम चौधरी ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना की प्रथम किश्त पाये 5 लाभार्थियों समेत तकरीबन 20 परिवार दशकों से उसी भूमि पर रह रहे है।
मिहींपुरवा क्षेत्र को जब तहसील का दर्जा दिया गया था तब तहसील भवन हेतु भूमि का चयन कर कुड़वा स्थित ग्राम समाज की भूमि को राजस्व विभाग में स्थानांतरित किया गया। उस समय ये परिवार उसी भूमि पर बसे हुए थे जन आक्रोश से बचने के लिए प्रशासनिक अमले ने इन परिवारों को उसी भूमि पर एक किनारे शिफ्ट करते हुए शेष बची जमीन पर तहसील भवन का निर्माण कराना शुरू कर दिया। तहसील भवन के साथ साथ वहीं पुलिस क्षेत्राधिकारी आवास , उप जिलाधिकारी आवास एवं तहसीलदार आवास भी तहसील भवन के समीप बनाये जाने का निर्णय लिया गया जिसके चलते इन लाभार्थियों के आवास पर रोक लगा दी गई है। ग्राम प्रधान ने कहा कि पहले बसाना फिर हटाना गलत इन परिवारो के हित में हम लोग संघर्ष करेंगे।
खंड विकास अधिकारी मिहींपुरवा रामेंद्र सिंह ने कहा कि लाभार्थियों को जो नोटिस जारी की गई है वो मेरे समय की नहीं है। जो भी पात्र है आवास निर्माण कराना उनका हक है। लाभार्थियों की भूमि को लेकर कुछ आपत्ति लगायी गयी है। हमारी प्राथमिकया लाभार्थियों के खुद की भूमि पर आवास निर्माण कराना है इसीलिए तहसील स्तर पर बातचीत कर लाभार्थियों को पहलेभूमि उपलब्ध कराने का काम किया जायेगा।

ग्रामीण बोले दशकों से इसी भूमि पर हैं बसे। यहां से हटे तो कहां जायेंगे कहां। सरकार पहले दे हमें ज़मीन।

मिहींपुरवा तहसील हेतु नवनिर्मित तहसील भवन के समीप बसे ग्रामीणों का कहना है कि हम लोग दशकों से इसी भूमि पर बसे हुए हैं अधिकारियों के कहने पर नव तहसील भवन निर्माण हेतु एक बार हम लोग अपना आशियाना उजाड़ कर एक किनारे बस गये थे अब दो साल बाद पुनः हमें यहां से हटाया जाना बहुत कष्ट दायक है। सरकार पहले हमें बसाने की व्यवस्था करे वरना अगर यहां से हटे तो हम जायेंगे कहा।

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