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मिशन इन्द्रधनुष अभियान आठ मार्च से, छूटे बच्चों व गर्भवती का नियमित टीकाकरण

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–    तीन चरणों में होगा छूटे लोगों का टीकाकरण

–     टीकाकरण से वंचित परिवारों की काउंसिलिंग होगी

संतकबीरनगर ।नियमित टीकाकरण से छूटे  बच्‍चों व गर्भवती को  टीकाकरण से आच्‍छादित करने के लिए सघन मिशन इंद्रधनुष 4.0 अभियान आठ मार्च से चलाया जाएगा। यह अभियान तीन चरणों में चलेगा। इसके तहत गर्भवती और बच्चों का टीकाकरण कराया जाएगा। इसके लिए आवश्‍यक तैयारियां की जा रही हैं तथा वृहस्पतिवार  से तीन दिन  तक सघन सर्वे कराया जाएगा।  

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. एस रहमान ने बताया कि जिले में आठ मार्च से सघन मिशन इंद्रधनुष 4.0 अभियान के प्रथम चरण की शुरुआत होगी। इसके बाद दूसरा चरण चार अप्रैल और तीसरा व अंतिम चरण दो मई से प्रारंभ होगा। इस अभियान के अंतर्गत गर्भवती और दो वर्ष तक के छूटे हुए बच्चों का स्वास्थ्य विभाग की टीम टीकाकरण करेगी। अभियान का उद्देश्य उन सभी बच्चों का टीकाकरण करना है, जिनका टीकाकरण किसी कारणवश अब तक नहीं हो पाया है। अभियान में गर्भवती को टीडी का टीका लगाया जाएगा। इसके अलावा बच्चों को बीसीजी, ओपीबी, पेंटावाइलेंट, रोटा वायरस का टीका, आईपीबी व एमआर के टीके लगाए जाएंगे।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी ने बताया कि टीकाकरण अभियान से पहले स्वास्थ्य विभाग की टीम जिले में 24, 25 और 26 फरवरी को सर्वे करेगी। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने सभी तैयारियां पूरी कर ली है और स्वास्थ्य कर्मियों को आवश्यक दिशा निर्देश भी दिया गया है। उन्होंने बताया कि जिन क्षेत्रों में शत प्रतिशत टीकाकरण नहीं हो पाया है और जो परिवार टीकाकरण से वंचित रह गए हैं उन परिवारों की काउंसलिंग भी की जाएगी।

मिशन इन्‍द्रधनुष को जानिए

देश को स्वस्थ जीवन प्रदान करने के लिए  सरकार द्वारा विभिन्न प्रयास किए जाते हैं। इसी प्रकार देश के दो  साल तक के बच्चों और गर्भवती को पूर्ण टीकाकरण कवरेज प्रदान करने के लिए  स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा 25 दिसंबर 2014 को मिशन इन्‍द्रधनुष अभियान का आरंभ किया गया। इस कार्यक्रम के तहत भारत में सामाजिक आर्थिक संस्कृति और भौगोलिक क्षेत्र के बच्चों का टीकाकरण सुनिश्चित किया जा रहा है। ताकि देश के आर्थिक रूप से कमजोर क्षेत्र के बच्चों  और गर्भवती को विभिन्न जानलेवा बीमारियों से बचाया जा सके।

इन क्षेत्रों को किया गया है लक्षित

 अभियान के तहत लक्षित क्षेत्रों में पोलियो उन्मूलन कार्यक्रम के द्वारा पहचाने गए जोखिम क्षेत्र , प्रवास के साथ शहरी मलिन बस्तियां, खानाबदोश, ईट भट्टे, निर्माण स्थल, प्रवासी जैसे मछुआरे नदी के किनारे रहने वाले आबादी वाले, कम नियमित टीकाकरण कवरेज वाले क्षेत्र, छूटे हुए नियमित टीकाकरण वाले क्षेत्र शामिल हैं।

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