बहराइच। जिले में जहां एक तरफ बाघ का खौफ है, वहीं दूसरी तरफ वन विभाग भी सतर्क नजर आ रहा है। क्षेत्र के जंगल में बकरी को घास चराने गई बालिका को एक बाघ ने अपना निवाला बना लेने के बाद वनकर्मी उद्घोषक यंत्र से ग्रामीणों को सचेत कर रहे हैं और जंगल क्षेत्र में न जाने की अपील कर रहे हैं।बता दें कि अब्दुल्लागंज रेंज में बकरी चरा रही बालिका को बाघ ने अपना निवाला बना लिया। इससे क्षेत्र के ग्रामीणों में दहशत फैल गया है। वहीं, इसको देखते हुए वनकर्मी उद्घोषक यंत्र से लोगों को जंगल क्षेत्र में न जाने के लिए जागरूक कर रहे हैं।वन विभाग ने जंगल में न जाने की दी चेतावनी..गौरतलब है कि अब्दुल्लागंज जंगल में बाघ के हमले में एक तरफ बालिका की मौत से जहां क्षेत्र में दहशत का माहौल है। वहीं, दूसरी तरफ वन विभाग भी काफी सतर्क दिख रहा है। वन विभाग उद्घोषक यंत्र से ग्रामीण क्षेत्रों को जागरूक कर रहा है और ऐलान करवाकर लोगों को जंगल में न जाने की चेतावनी दे रहा है।जंगल से सटे दरजीन गांव, बाबा गांव, भटपुरवा, रामदीन गांव, बिराई, हरबंसी, दशरथ पुरवा, इटाहवा, सोनपुर, बैदवरा निम्निहारा गांव में इस घटना के बाद से दहशत का माहौल है। ग्रामीणों को डर है कि कब तेंदुआ जंगल से बाहर निकल आए और कब हमला कर दे किसी को कुछ खबर नहीं है।जंगल से लकड़ी बीनने को मजबूर हैं ग्रामीण…बता दें कि गांव के लोग इन जंगल में जाने के लिए मजबूर हैं। इसका कारण ये है कि ग्रामीणों को जलावन के लिए लकड़ी की जरूरत होती है, जो उन्हें जंगल में आसानी से मिल जाती है। इसी के कारण ग्रामीण अच्छे खासे भयभीत हैं और जंगल में जाने से डर रहे हैं।वहीं, वन विभाग ने भी अब क्षेत्र में चौकसी बढ़ा दी है और नानपारा वन क्षेत्र के वन रेंज अधिकारी राशिद जमील, इटहवा वन चौकी के वनरक्षक आज्ञाराम, सिसैया बीट के वनरक्षक राम विनोद यादव की टीम ने जंगल में कांबिंग की है और जंगल की ओर जा रहे ग्रामीणों को घर वापस लौटाया है।दरअसल जंगल के रास्ते से निम्निहारा, भटपुरवा, सतीजोर, रामदीन गांव, बिराई गांव, इटहवा आदि गांव के लोग आते जाते रहते हैं। इन्हीं को बाघ के हमले का सबसे ज्यादा खतरा है। इसी खतरे को देखते हुए वन विभाग ने इनको चेताया और वापस रास्ता बदल कर जाने की अपील की।ग्रामीण चेतवानी को कर रहे नजरंदाज…वहीं, मामले पर जानकारी देते हुए वन दरोगा राम विनोद यादव ने बताया कि तीन-चार महीने पहले ही तेंदुए और हिंसक जानवरों के पग चिन्ह के निशान जंगल में मिले थे। तभी से वन विभाग ग्रामीणों को जंगल में ना जाने के लिए चेतावनी दे रहा है। उन्होंने कहा कि बार-बार चेतावनी देने के बाद भी ग्रामीण और आसपास के लोग मानने को तैयार नहीं हैं और हमारी चेतावनियों को नजर अंदाज कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये ही हाल रहा तो बाघ या हिंसक जीव एक बार फिर से ग्रामीणों पर हमला कर सकता है।
बालिका पर बाघ के हमले के बाद जागा वन विभाग, उद्घोषक यंत्र से कर रहा ग्रामीणों को जागरूक



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