कालाजार मरीज आयुष के परिजनों को दी तीन मेडिकेटेड मच्छरदानी
आसपास के लोगों को कालाजार से बचाव के लिए किया जागरूक
रामकोला ब्लॉक मे पथरदेवा गांव और नेबुआ नौरंगीया ब्लॉक मे बरवा गांव पहुंचे सहायक मलेरिया अधिकारी, डब्लूएचओ के जोनल को-आर्डिनेर डॉ.सागर और पीसीआई के प्रतिनिधि एसएन पांडेय
रिपोर्टर अमित मिश्रा ब्यूरो चीफ कुशीनगर ।
कुशीनगर 06 जनवरी 2022 कालाजार मरीजों के फॉलोअप में निकले अधिकारियों ने जहां चमड़ी कालाजार के मरीज के रूप में राजगौड़ को चिन्हित कर उपचार की राह बतायी, वहीं कालाजार मरीज आयुष को भी बचाव का तरीका बताया। सहायक मलेरिया अधिकारी अनिल कुमार चौरसिया ने बताया कि टीम सबसे पहले रामकोला गयी। टीम में डब्ल्यूएचओ के जोनल को-आर्डिनेटर डॉ.सागर घोडेकर और पीसीआई के कंसल्टेंट एस एन पांडेय भी शामिल रहे। कालाजार मरीजों के फॉलोअप में निकली टीम सबसे पहले रामकोला ब्लॉक के ग्राम पंचायत पथरदेवा पहुंची। वहां पर कालाजार मरीज आयुष (आयु 4 वर्ष ) को देखा। उसके परिवार को तीन मेडिकेटेड ( एलएलआईएन) मच्छरदानी दी गयी । आयुष के परिजनों को मच्छरदानी लगाने का तरीका भी बताया। आसपास के लोगों को पोस्टर देकर कालाजार बचाव के लिए जानकारी दी तथा लोगों को जागरूक किया। इसके बाद टीम नेबुआ नौरंगिया ब्लॉक के ग्राम पंचायत बरवां पहुंची। वहां पर देखा कि पहले कालाजार रोगी रहे राजगौड़ यादव के शरीर पर चमड़ी कालाजार के लक्षण हैं।उसे इलाज शुरू करने की सलाह दी। उस परिवार को भी तीन मेडिकेटेड मच्छरदानी देकर लगाने का तरीका बताया। वहां भी आसपास के लोगों को पोस्टर देकर कालाजार बचाव के लिए जागरूक किया। —— कालाजार को जानिए डब्ल्यूएचओ के जोनल को आर्डिनेटर डॉ. सागर घोडेकर ने बताया कि कालाजार बालू मक्खी से फैलता है । यह मक्खी नमी वाले स्थानों पर पायी जाती है। यह छह फीट की ऊंचाई तक उड़ पाती है। उसके काटने से व्यक्ति बीमार हो जाता है। उसे बुखार होता है, और रूक-रूक कर चढ़ता उतरता है। लक्षण दिखने पर चिकित्सक को दिखाना चाहिए। इस बीमारी से मरीज का पेट फुल जाता है।भूख कम लगती है। शरीर काला पड़ जाता है। इस रोग का निःशुल्क इलाज जिला अस्पताल में उपलब्ध है।
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