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मनरेगा मजदूरी 230 और श्रमिको को देनी पड़ती है 400 से लेकर 450 रुपया = ग्राम प्रधान

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रिपोर्ट – हरीश सिंह

सन्त कबीर नगर ( बेलहर कला ) ग्राम पंचायत कोलकी चमरसन के मनरेगा मजदूरो के दिन बहूर गये है । यहां के ग्राम प्रधान विश्वनाथ निषाद द्वारा श्रमिको को निर्धारित 230 रुपये मजदूरी के बजाय 400 सौ रुपया दिया जाता है । आनलाइन बीस मनरेगा मजदूर हाजिरी और दस की उपस्थिति के सवाल के जवाब मे मीडिया से मुखातिब होते हुए ग्राम प्रधान ने कहा कि सरकार द्वारा निर्धारित 230 रूपये की मनरेगा मजदूरी मे कोई श्रमिक मिलता नही है । हम लोग जब 400/450 सौ रुपये मजदूरी देते है तब कही जाकर मजदूर मिलते है और काम होता है । इसी कारण से बीस मजदूर के आनलाइन हाजिरी मे दस लोगो से काम कराया जाता है । वही सरकार से अपनी मांग रखते हुए ग्राम प्रधान विश्वनाथ निषाद ने कहा कि सरकार कमसे कम 350 सौ रुपये मजदूरी निर्धारित करे ।
अब ऐसे मे यह सवाल उठना लाजिमी है कि श्रमिको के सीधे खाते मे जाने वाला मनरेगा मजदूरी के भुगतान से ग्राम प्रधान द्वारा 400 / 450 सौ रूपये की मजदूरी कैसे भुगतान किया जाता है ? सवाल खण्ड विकास के अधिकारियो से लेकर जिला स्तरीय अधिकारियो के कर्त्तव्य परायणता पर भी उठता है कि किस तरह से निरीक्षण के साथ समीक्षा बैठक किया जाता है ?
वही यह भी सवाल उठता है कि श्रमिको के खाते मे सीधे जाने वाला मजदूरी से ग्राम प्रधान द्वारा 400 सौ से लेकर 450 सौ रूपये का मजदूरी भुगतान की भरपाई किया जाता है ?
बहरहाल ग्राम प्रधान के मुताबिक मनरेगा योजना मे खुले तौर पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया जा रहा है और खण्ड विकास से लेकर जिला स्तरीय अधिकारियो द्वारा कर्त्तव्य परायणता की जिम्मेदारी का बेहिचक निर्वहन किया जा रहा है । यह और बात है कि सूबे की योगी सरकार से लेकर केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा सुशासन के दृष्टिगत जीरो टॉलरेंस की बात निरन्तर किया जा रहा है ।

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