दुकान खोलते वक्त नहीं ली जाती है जनता की राय
संतकबीरनगर।विकास खण्ड सेमरियावां के ग्राम पंचायत देवरिया विजयी के राजस्व ग्राम धरुई में प्राथमिक पाठशाला और गांव से कुछ ही दूरी पर शराब के ठेके की दुकान है।जबकि 
नियम है कि बिना सहमति नहीं खुल सकती शराब दुकानएक, न मुनादी न नोटिसशराब की दुकान खोलने से पहले इलाके में ढोल पीटकर मुनादी करवाना और नोटिस चिपकाना जरूरी है। अगर इलाके की जनता विरोध करती है, तो वहां दुकान नहीं खुल सकती। लेकिन इलाके के किसी भी शराब की दुकान खोलने से पहले इस नियम का पालन नहीं होता है। गुपचुप तरह से शराब की दुकान खोल दी जाती है। आस-पास के लोगों को पता तब चलता है जब शराब की दुकान खुल जाती है।ग्राम प्रधान प्रतिनिधि जीत बहादुर चौधरी तथा गाँव के लोगों का कहना है कि गांव के और विद्यालय के समीप शराब की दुकान खुलने से लोगों को उस रास्ते से गुजरने में दिक्कत होती है तथा विद्यालय  बन्द होने के बाद शराबियों का जमावड़ा लगता है।जहाँ शराब पीने के बाद लोग वही बोतल ढक्कन फेक देते है।जिससे छोटे बच्चे जब स्कूल पर आते है तो वह बोतल तथा उसके ढक्कन को मुँह में दबा कर घूमते है।वहा के ग्रामीण तथा स्कूल के अध्यापक सहित सभी लोग काफी परेशान है।लोग धीरे -धीरे अपने बच्चों को स्कूल भेजना बन्द कर रहे है,लोगो को कहना है कि हम बच्चों को स्कूल में शिक्षा ग्रहण करने के लिए भेजते है न कि वहाँ पर जाकर वह बच्चे मुह में शराब की बोतल लेकर घूमे।प्रधान प्रतिनिधि जीत बहादुर चौधरी द्वारा बताया गया कि कई बार आईजीआरएस  के माध्यम से और पुलिस चौकी पर शिकायत की गई लेकिन उस पर भी कोई सुनवाई नही हुई।गांव कि महिलाओं का कहना है कि शराब की दुकान गांव से नजदीक होने पर हमारे परिवार के ऊपर बुरा प्रभाव पड़ रहा है।अगर दुकान को कहि दूर नही हटाया गया तो हम सब उच्चाधिकारियों अवगत कराकर धरने पर बैठ जायेंगे।


                
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