ब्यूरो रिपोर्ट -डॉ संजय तिवारी
साफ संदेश- बाराबंकी
वर्तमान समय योगी सरकार के द्वारा करोडो़ं रुपये गौ शालाओ के ऊपर खर्च कर छुट्टा मवेशियो को संरक्षण देकर किसानो के हित मे निरन्तर कार्य करने का दावा किया जा रहा है।लेकिन जिम्मेदार अधिकारियो की खाऊ कमाऊ नीति के कारण यह गौ शालाये छुट्टा मवेशियो के लिये किसी भी मामले मे यातना घर से कमतर नही आकी जा रही है। दूसरी तरफ यह मवेशी सूखा भूसा खा खा कर धीरे धीरे निर्वल होकर घुट घुट कर काल के गाल मे समा जाने को विवश है।क्षेत्र के जागरुक जनो ने सूबे के मुखिया योगी आदित्य नाथ से किसानो और गौ वंशो के हित मे सख्त रुख अख्तियार किये जाने की मांग की है।लेकिन महाभ्रष्ट अधिकारियो की कार्यशैली भारी पड़ गयी।विकास खंड रामनगर के अन्तर्गत थाल खुर्द गौशाला के हालात बद से बदतर दिखाई दिए। संवाददाता ने गौशाला का भ्रमण किया तो तीन मवेशी घुट घुट कर काल के गाल मे जाने को पडे़ हुये तड़प रहे थे। गौशाला परिसर मे गंदगी का भारी साम्राज्य व्याप्त था।जगह जगह गोबर कीचड़ जलभराव के मध्य करीब ढाई सौ से अधिक मवेशी कैद खाने मे अपने नशीब को कोश रहे थे।ग्राम पंचायत की ओर से तैनात तीन गौवंशो के सेवक जय सिह चौहान, राहुल कुमार और आशाराम मुश्तैद मिले।भूसा घर मे भूसा मौजूद था।हरा चारा और चूनी चोकर के नाम पर कुछ नही था।इन मवेशियो को पानी पीने के लिये एक टैंक तो ठीक था जबकि दूसरा टैंक फूट चुका है।बताते चले इस गौशाला मे 280 मवेशियो की क्षमता बतायी जा रही थी। ग्राम प्रधान सुनील यादव से पर्याप्त रुप से चारे का अभाव और घोर लापरवाही के दौर मे घुट घुट कर मर मवेशियो के बाबत जब बात की गयी तो उनका कहना था कि प्रत्येक मवेशी के लिये केवल 30 रुपये मिल रहे है जो बहुत कम है।इस सबंध मे ग्राम पंचायत सचिव कमलेश यादव का कहना था कि धीरे धीरे व्यवस्था का सुधार करेंगे कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दे पाए।
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